स्कालरशिप घोटाला: कोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार, एक सप्ताह में मांगा जवाब

Scholarship scam: Court asks government to respond in a week
स्कालरशिप घोटाला: कोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार, एक सप्ताह में मांगा जवाब
स्कालरशिप घोटाला: कोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार, एक सप्ताह में मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क,नागपुर।   हाईकोर्ट ने स्कालरशिप घोटाले के मामले में एसआईटी जांच की मांग करने वाली दृष्टि बहुउद्देश्यीय संस्था की जनहित याचिका पर दोबारा सुनवाई करने का फैसला लिया है। कोर्ट ने मामले में सरकार को फटकार भी लगाई है। पूर्व में कोर्ट ने इस प्रकरण में एसआईटी का गठन होने के बाद याचिका का निपटारा कर दिया था। सोमवार को संस्था की ओर से मामले में दीवानी अर्जी दायर की गई। जिसमें उन्होंने दावा किया कि प्रकरण में गठित एसआईटी ने अपना काम ठीक से नहीं किया है। स्कालरशिप की करोड़ों रुपए की वसूली बकाया है, दोषी पकड़ से बाहर हैं, यहां तक कि, घोटालेबाज कॉलेजों से स्वयं राज्य सरकार के नुमाइंदे मिले हुए हैं। ऐसे में इस पूरे प्रकरण की सीआईडी से जांच होना जरूरी है। साथ ही प्रकरण में एसआईटी को भी प्रतिवादी बनाने की मांग याचिकाकर्ता ने की थी।  याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रतिवादी राज्य सरकार को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. आदित्य देशपांडे ने पक्ष रखा। 

एसआईटी की जांच को बताया अपूर्ण 
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश स्तरीय स्कालरशिप घोटाले के लिए एसआईटी ने जांच शुरू तो की, लेकिन इसे पूरा नहीं किया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार एसआईटी को 60 दिनों में यह जांच पूरी करनी थी, लेकिन 18 माह बीत जाने पर भी महज 13 प्रतिशत संस्थाओं की जांच करके 2 हजार करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली है। याचिकाकर्ता का दावा है कि अभी भी 87 प्रतिशत यानी 12 हजार 600 से अधिक संस्थाओं की जांच बाकी है। इनकी जांच होने पर 15 हजार रुपए से अधिक की रिकवरी निकल सकती है। ऐसे में इस पर राज्य सरकार को अपना जवाब प्रस्तुत करना होगा।

सरकार को लगाई लताड़
संस्था की मूल जनहित याचिका में दावा किया गया था कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के रूप में जारी किए गए पैसे को कॉलेज प्रबंधन डकार रहे हैं। कई सरकारी अधिकारियों की भी इसमें लिप्तता है। याचिकाकर्ता की मांग पर कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एसआईटी  रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। सोमवार को जब सुबह के सत्र में मामला सुनवाई के लिए कोर्ट के समक्ष आया तो सरकारी पक्ष इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा। इसके बाद कोर्ट ने लंच के बाद इस प्रकरण की सुनवाई की तो सरकारी पक्ष ने वर्धा जिले के स्तर पर गठित समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन हाईकोर्ट के प्रश्नों पर सरकारी पक्ष निरुत्तर रहा। नाराज कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार को जम कर लताड़ लगाई। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस प्रकरण में सरकार प्रामाणिकता के साथ कोर्ट से सहयोग नहीं कर रही है। हाईकोर्ट ने प्रदेश मुख्य सचिव को एक सप्ताह में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

 

Created On :   30 Jan 2018 8:54 AM GMT

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