सत्यम घोटाले में सेबी ने की बड़ी कार्रवाई, PWC पर लगाई दो साल की पाबंदी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । ग्लोबल ऑडिटिंग फर्म प्राइस वाटरहाउस (PWC) ने दो साल तक भारत में लिस्टेड कंपनियों की ऑडिटिंग नहीं कर पाएगी। दरअसल बाजार नियामक सेबी ने PWC पर शेयर बाजार की लिस्टेड कंपनियों के खातों की ऑडिटिंग के लिए 2 साल तक की रोक लगा दी है। सेबी ने PWC को भी करोड़ों रुपए के सत्यम घोटाले का दोषी पाया है। दुनिया की टॉप अकाउंटिंग कंपनियों में से एक पीडब्लयूसी अब भारत में किसी भी लिस्टेड कंपनी को दो साल तक ऑडिट सर्टिफिकेट जारी नहीं कर पाएगी। देश के कैपिटल मार्केट के रेग्युलेटर सेबी ने देश के सबसे बड़े अकाउंटिंग स्कैंडल की साजिश रचने में तत्कालीन सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के डायरेक्टरों और कर्मचारियों के साथ मिलीभगत के आरोप के चलते प्राइस वाटरहाउस पर ये पाबंदी लगाई है। सेबी ने प्राइस वॉटरहाउस के पूर्व पार्टनरों एस. गोपालकृष्णन और श्रीनिवास तल्लुरी को भी 3 साल के लिए लिस्टेड कंपनियों की ऑडिटिंग से प्रतिबंधित कर दिया है। इन्होंने जनवरी 2009 तक लगातार 8 साल तक सत्यम के अकाउंट्स पर साइन किया था जब तक कि फर्जीवाड़ा उजागर नहीं हो गया।
लिस्टेड कंपनियां को ऑडिट का सर्टिफिकेट नहीं कर सकेंगी जारी
बुधवार को देर रात जारी एक ऑर्डर में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य जी महालिंगम ने कहा, "पीडब्ल्यू के ब्रैंड्स और बैनर तले भारत में चार्टर्ड अकाउंटैंट्स का काम करनेवाली संस्थाएं/कंपनियां लिस्टेड कंपनियों को ऑडिट का कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं कर सकतीं। ये संस्थान और कंपनियां सेबी में रजिस्टर्ड कंपनियों और मध्यस्थों के दायित्वों का अनुपालन कर रहीं कंपनियों को भी सर्टिफिकेट जारी नहीं कर पाएंगी। ये रोक दो साल के लिए लागू होगी।"
PWC के लिए ये एक बड़ा झटका है, क्योंकि शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में से कोई भी इस ग्लोबल ऑडिटिंग संस्था से अपने खातों की ऑडिटिंग नहीं करा सकेगी। सेबी ने ये फैसला 8000 करोड़ रुपए के सत्यम घोटाले में PWC का नाम आने के बाद सुनाया है। ये प्रतिबंध अप्रैल 2018 से लागू होगा।
PWC बेंगलुरु, गोपालकृष्णन और तल्लुरी को 7 जनवरी 2009 से पेमेंट की तारीख तक 12% के ब्याज के साथ 13.09 करोड़ रुपये की गलत कमाई वापस करने का निर्देश दिया गया है। सेबी ने कहा कि प्राइस वाटरहाउस की कंपनियां सत्यम कंप्यूटर्स के साथ गैर-कानूनी रिश्तों की वजह से फायदा कमाया और उन्हें 2000 से 2008 के बीच 23.31 करोड़ रुपये मिले। इनमें 13.09 करोड़ रुपये पीडब्ल्यू बेंगलुरु को सत्यम की ऑडिटिंग के लिए मिले थे।
Created On :   11 Jan 2018 7:21 AM GMT