नवरात्रि का दूसरा दिन: मां दुर्गा का दूसरा रूप माता ब्रह्मचारिणी की कथा

Second day of Navaratri: The story of  second form of Mother Durga, Mata Brahmacharini
नवरात्रि का दूसरा दिन: मां दुर्गा का दूसरा रूप माता ब्रह्मचारिणी की कथा
नवरात्रि का दूसरा दिन: मां दुर्गा का दूसरा रूप माता ब्रह्मचारिणी की कथा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रहाचारिणी का होता है। इस दिन माता की साधना करने से विवेक, बुद्धि, ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है। देवी पुराण में माता के हर रूप की पूजा विधि और कथा का विशेष महत्व बताया गया है। माता ब्रह्मचारिणी की कथा जीवन के कठिन समय में साधक को आत्मबल करती है। ब्रह्मचारिणी शब्द का अर्थ है तप की चारिणी अर्थात तप का आचरण करने वाली मां। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य होता है। माता के सीधे हाथ में जप की माला और उल्टे हाथ में यह कमण्डल होता हैं।

माता ब्रहाम्चारिणी की उपासना का मंत्र-


दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। 
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥ 

 

 

Created On :   10 Oct 2018 5:43 AM GMT

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