नवरात्र का दूसरा दिन : ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्र का दूसरा दिन : ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से वैराग्य की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी भक्तों को अनंतफल देने वाली दोवी हैं। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। माँ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से मनुष्य को सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। ये देवी बड़े ही शांत स्वभाव की हैं। इनके एक हाथ में जप माला और दूसरे हाथ में कमण्डल रहता है।

मां ब्रह्मचारिणी देवी अपने पूर्व जन्म में हिमालय की पुत्री थीं, जो भगवान शिव से विवाह करना चाहती थीं। उनकी इस कामना की पूर्ति के लिए नारदजी ने उन्हें घोर तपस्या करने का उपदेश दिया। जिसके बाद देवी घोर तपस्या में लीन हो गईं। और हजारों वर्षों तक भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए भूखे-प्यासे रहकर तपस्या करती रहीं। और उनकी इस तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें उनकी इच्छा के अनुरूप फल दिया। और उन्हें पति स्वरूप भगवान शिव की प्रप्ति हुई। इतनी कठिन तपस्या करने की वजह से ही देवी का नाम ब्रह्मचारिणी देवी पड़ा है। मां ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा करने से कठिन समय में भी मन विचलित नहीं होता।

कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

  • सर्वप्रथम मां  ब्रह्मचारिणी की फूल, अक्षत, रोली, चंदन, से पूजा करें।
  • दूध, दही, शक्कर, घी, व शहद से स्नान कराएं।
  • देवी को प्रसाद अर्पित करें।
  • आचमन और फिर पान, सुपारी भेंट कर इनकी प्रदक्षिणा करें।
  • कलश देवता की पूजा करें।
  • इसी प्रकार नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता, की पूजा करें।
  • देवी की पूजा करते समय हाथों में एक फूल लेकर प्रार्थना करें और इस मंत्र का जप करें -

     
  • "इधाना कदपद्माभ्याममक्षमालाक कमण्डल
  • देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्त्मा"

     
  • देवी को पंचामृत से स्नान कराएं।
  • अलग-अलग तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर, अर्पित करें।
  • देवी को अरूहूल का फूल व कमल की माला पहनाएं।
  • घी व कपूर मिलाकर देवी की आरती करें।

Created On :   18 March 2018 12:07 PM GMT

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