जंगल में एक साथ थ्रो हुई 4 लाख सीड बाल, लघु वन उपज बढ़ाने मनाया सीड बाल फेस्टिवल

Seed balls are thrown in jungle to increase trees in Mandla
जंगल में एक साथ थ्रो हुई 4 लाख सीड बाल, लघु वन उपज बढ़ाने मनाया सीड बाल फेस्टिवल
जंगल में एक साथ थ्रो हुई 4 लाख सीड बाल, लघु वन उपज बढ़ाने मनाया सीड बाल फेस्टिवल

डिजिटल डेस्क, मंडला। मंडला के जंगल में फलदार और लघुवन उपज पौधे की संख्या बढ़ाने के लिए जलवायु परिवर्तन अनुकूलन परियोजना के तहत एक साथ 4 लाख जंगल में सीड बाल थ्रो की गई हैं। आजीविका ने सीड वाल फेस्टिवल मनाया, जिसकी गवाह 4 हजार से अधिक महिलाएं बनी हैं। सीड बाल से जंगल में लघु वन उपज के पेड़ बढ़ाकर ग्रामीणों की आजीविका को बढ़ाने का प्रयास किया गया है।

जानकारी के मुताबिक मंडला जिला में वानिकी के तहत हर साल जंगलों में पौध रोपण हो रहा है, लेकिन जंगल मे फलदार और लघुवन उपज पौधों की संख्या लगातार कम हो रही हैं। महुआ, चिरौंजी, आंवला, बहेरा, करौंदा, इमली, सीताफल के पौधे जंगल में घटते जा रहे हैं। इससे ग्रामवासियों की आजीविका भी प्रभावित हो रही है। सीड बाल से जंगल बढ़ाने में ईकोलाजी सिस्टम और जैवविविधता को भी फायदा होगा।

लघु वजन उपज से जंगल के शाकाहारी जीव का जीवन चक्र चलता है। इसको देखते हुए मप्र आजीविका मिशन ने जलवायु परिवर्तन अनुकूलन परियोजना के तहत जंगल में पौधे पनपाने के लिए सीड बाल का उपयेाग किया है। गर्मी के मौसम में समूह की महिलाओं ने मिट्टी के गोले बनाकर बीज को तैयार किया। महिलाओं ने चार लाख से अधिक सीड बाल तैयार किए। बारिश शुरू होने के बाद आज 12 जुलाई को एक साथ जंगल में थ्रो की गई है।

 



80 गांव में थ्रो हुई सीड बाल
आज सीड बाल फेस्टिवल का शुभारंभ डॉ शिवराज शाह ने ग्राम अहमदपुर से किया है। इसमें जिले के मंडला, बिछिया तहसील के 80 गांवो में सीड बाल थ्रो की गई। 68 गांवो में समूह और ग्राम संगठन की महिलाओं और 12 गांव में आजीविका से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों ने सीड बाल थ्रो की है। मोहगांव चक और मोहगांव रैयत में वनविभाग ने कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में सहयोग किया है। यहां स्लेक प्रोजेक्ट प्रभारी अश्विनी उपाध्याय, डीपीएम बीडी भैंसारे, विवेक जैन व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

 



प्रदेश में पहली बार
प्रदेश में लाखों की संख्या में पौधरोपण कराए गए हैं, लेकिन इस तरह का प्रयोग प्रदेश में पहली बार हुआ है। सीड बाल से जंगल में 10 प्रतिशत भी पोधे बचेगें तो जंगल को फायदा होगा। कम लागत में जंगल बढ़ेगा। यह प्रयोग सफल होता है तो आजीविका पूरे प्रदेश में इस तरह से पौधरोपण कर लघुवन उपज बढ़ाने और लोगो की आजीविका को सशक्त बनाने प्रयास करेगा।

इनका कहना है
जिले के 80 गांवो में एक साथ सीड बाल थ्रो की गई हैं। करीब 4 लाख सीड बाल थ्रो हुई हैं। समूह और ग्राम संगठन की जागरूकता से यह संभव हो पाया है।
बीडी भैंसारे, डीपीएम आजीविका मिशन

 

 

Created On :   12 July 2018 1:59 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story