चोरी के ट्रक बेचनेवाले गिरोह का भंडाफोड, नागपुर ग्रामीण RTO विभाग के नकली दस्तावेज से खुलासा

चोरी के ट्रक बेचनेवाले गिरोह का भंडाफोड, नागपुर ग्रामीण RTO विभाग के नकली दस्तावेज से खुलासा
चोरी के ट्रक बेचनेवाले गिरोह का भंडाफोड, नागपुर ग्रामीण RTO विभाग के नकली दस्तावेज से खुलासा
चोरी के ट्रक बेचनेवाले गिरोह का भंडाफोड, नागपुर ग्रामीण RTO विभाग के नकली दस्तावेज से खुलासा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागपुर ग्रामीण RTO विभाग से नकली कागजात बनाकर चोरी के ट्रक और डंपरों को बेचने वाले एक बड़े गिरोह का ठाणे पुलिस ने भांडाफोड़ किया है। मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में नागपुर ग्रामीण RTO में कार्यरत क्लर्क दिनेशचंद्र कुलमते भी है। पुलिस को शक है कि मामले में RTO के और अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मकरंद रानडे ने बताया कि अब तक की छानबीन में पता चला है कि आरोपियों ने नंदुरबार RTO से 28 और बुलढाणा RTO से चोरी के छह वाहनो का पंजीयन कराया है। आरोपियों के पास से पुलिस ने कुल 20 चोरी के वाहन जब्त किए हैं। बरामद चोरी के वाहनों की कुल कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए है। पुलिस आरोपियो द्वारा चुराकर नकली कागजात के आधार पर बेचे गए दूसरे वाहनों की भी तलाश कर रही है। 

कैसे हुआ खुलासा 
पुलिस ने पिछले साल दिसंबर महीने में अपराध शाखा ने भिवंडी इलाके में डंपर चोरी के मामले में अली हुसैन शेख नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस को चोरी के छह और ट्रक और डंपर की जानकारी मिली। आरोपी के पास गाड़ियों के जो कागजात मिले थे उनका पंजीयन नागपुर ग्रामीण RTO कार्यालय से कराया गया था। लेकिन कागजात फर्जी तरीके से बनाए गए थे। आरोपी मुंबई, ठाणे के साथ गुजरात से भी वाहन चुराते थे। इसके बाद इंजन और चेसिस क्रमांक कुरेदकर इसकी जगह नया फर्जी क्रमांक अंकित कर देते थे। गिरोह इसलिए पकड़ा गया क्योंकि वह गियर बॉक्स में लिखे क्रमांक को नहीं बदल पाया था। 

RTO विभाग रडार पर 
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार लिपिक कुलमते ने बुलढाणा RTO में चोरी के छह वाहनों के पंजीयन में गिरोह की मदद की थी। आरोपियों ने वाहन कर भरने की भी छानबीन नहीं की इससे सरकार को भी लाखों रुपयों का चूना लगा। पुलिस को शक है कि विभाग के कुछ और अधिकारी, कर्मचारी भी फर्जीवाड़े में शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने RTO कार्यालयों के कुछ दलालों को भी गिरफ्तार किया है। उनकी किन अधिकारियों, कर्मचारियों तक पहुंच थी इस बात का पता लगाया जा रहा है।  

बैंक और खदान मालिकों पर शिकंजा 
मामले में कुछ बैंकों और खदान मालिकों पर भी शिकंजा सक सकता है। जांच में पता चला है कि कई मामलों में लोगों ने कर्ज लेकर चोरी के ट्रक खरीदे हैं। इससे साफ है कि बैंकों ने प्रक्रिया पूरी करने में लापरवाही बरती है। इसके अलावा चोरी के ट्रकों और डंपरों का ज्यादातर इस्तेमाल खदानों और बालू ढोने के काम में हो रहा था इसलिए शक है कि खदान मालिकों की इसमें मिली भगत हो सकती है। 

इन्हें किया गया है गिरफ्तार 
मामले में पुलिस ने ट्रक और डंपर चुराने वाले आरोपियों रियाज अहमद खान, मुहम्मद इलियास मुनीर खान, उमाशंकर गौतम, अब्दुल अजीज चौधरी, सईद उर्फ शाहिद अहमद सिद्दीकी, RTO क्लर्क दिनेशचंद्र कुलमते, RTO दलाल सुधाकर देशमुख, इजहार अहमद देशमुख और चोरी के ट्रक बेचने वाले शकील शेख, नजमुनिसा खान नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले में अभी नौ और आरोपियों की तलाश है। 

Created On :   20 April 2018 2:01 PM GMT

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