सीनियर सिटीजन पर फांकाकशी की नौबत, रहने को छत मिली भोजन नहीं

Senior citizens are facing the problem of non availability of food
 सीनियर सिटीजन पर फांकाकशी की नौबत, रहने को छत मिली भोजन नहीं
 सीनियर सिटीजन पर फांकाकशी की नौबत, रहने को छत मिली भोजन नहीं

डिजिटल डेस्क, वर्धा। भागदौड़ भरी जिंदगी में संयुक्त परिवार की बात तो दूर माता-पिता भी कुछ लोगों को इस कदर बोझ लगने लगते हैं कि उन्हें मरने के लिए कहीं भी छोड़ दिया जाता है। अपनी संतानों से सताए गए लोगों को बेघराना निवास में रहने के लिए छत तो मिली, लेकिन भोजन की सुविधा यहां नहीं मिल पाई है। नगर परिषद अंतर्गत शहरी बेघराना निवास शुरू हुए लगभग 4 माह बीच चुके हैं, परंतु इसमें रहने वाले 28 सीनियर सिटीजन के लिए नगर परिषद अब भी भोजन की व्यवस्था नहीं कर पाई है।

बता दें कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान के तहत वर्धा नगर परिषद द्वारा शहरी बेघराना निवास संचालित किया जा रहा है। इस निवास में 28 पुरुष व 1 महिला रहती है। ये सभी परिजनों की उपेक्षा का शिकार होकर यहां रह रहे हैं। इस निवास में टीवी से लेकर आलमारी तक की व्यवस्था नगर परिषद द्वारा की गई है, लेकिन 4 माह बाद भी नगर परिषद उनके लिए भोजन की व्यवस्था नहीं कर पाई है। बेघराना निवास में रहने वाले लोग वर्धा के साथ जलगांव, बुटीबोरी व गड़चिरोली जिले के हैं। 

बता दें कि बेघराना निवास में 29 सीनियर सिटीजन के लिए सारथी बहुउद्देशीय संस्था भोजन उपलब्ध करवाती है। यह भोजन एक महिला के घर में बनता है। इसके लिए उसे मासिक 3 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा सारथी बहुउद्देशीय संस्था की ओर से 5 अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इनमें एक महिला कर्मी शामिल है। इन पांचों कर्मचारियों को नगर परिषद की ओर से मासिक राशि नहीं दी जाती है। बताया जाता है कि यहां चारपाई, गद्दे, तकिया, कंबल, चादर, आलमारी, फ्रिज, आरो मशीन, एलसीडी, टेबल, सीसीटीवी कैमरे आदि सुविधाएं हैं। बस कमी है तो केवल भोजन की व्यवस्था ठीक करने की। इस ओर नप को ध्यान देने की जरूरत है।   

बेटे ने छोड़ा 
बेघराना निवास में रहने बाले जलगांव निवासी दत्ता कुलकर्णी (67) ने बताया कि दो माह पूर्व हमें इलाज के लिए जिला सामान्य अस्पताल में लाया गया था। ठीक से तो याद नहीं है, परंतु मेरे पुत्र (जज) ने हमें सेवाग्राम की ओर जानेवाली रेलवे लाइन के पास छोड़ दिया था। वहां से हम बेघराना निवास में आ गए।

भोजन छोड़ सभी सुविधाएं हैं यहां
बेघराना निवास में 29  लोग रहते हैं। इनमें एक महिला का समावेश है। नगर परिषद ने यहां सभी सुविधाएं मुहैया करवाई हैं, पर भोजन की व्यवस्था 4 माह बाद भी नहीं की जा सकी है। 
विद्याधर खैरी, मैनेजर, शहरी बेघराना निवास, वर्धा

Created On :   28 Dec 2018 7:29 AM GMT

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