सेक्स रैकेट : 11 आदिवासी लड़कियों को दलालों के चंगुल से बचाया

Sex racket exposed in dindori, 11 girls rescued from agents
सेक्स रैकेट : 11 आदिवासी लड़कियों को दलालों के चंगुल से बचाया
सेक्स रैकेट : 11 आदिवासी लड़कियों को दलालों के चंगुल से बचाया

डिजिटल डेस्ेक डिण्डौरी। शिक्षा का आभाव और रोजगार की कमी के चलते आदिवासी बाहुल्य जिले के भोले-भाले ग्रामीण कतिपय लोगों के चंगुल में फसते चले आ रहे है जहां से इन लोगों को नौकरी देने के बहाने राज्यों के बाहर भी ले जाया जाता है । ऐसा ही मामला शहपुरा थाना क्षेत्र का सामने आया जहां आसपास के ग्रामों की 11 लड़कियों को कोयम्बटूर ले जाया गया था। जानकारी लगने के बाद सभी साक्ष्यों को जुटाते हुए पुलिस टीम ने पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में कोयम्बटूर जाकर 11 लड़कियों को बरामद किया है जिनमें अधिकांश लड़किया नाबालिग बताई गई हैं जिन्हें डिण्डौरी लाने के बाद उन्हें उनके परिजनों की अभिरक्षा में सौंप दिया है। इस सिलसिले में पुलिस ने दो दलालों को भी गिरफ्तार किया है। तदाशय की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया कि प्रोजेक्ट प्रवास के तहत जिले के सभी थाना क्षेत्रों से जानकारी एकत्र की जा रही है जिसमें मजदूरी के बहाने अन्य जिलों या राज्यों में भेजे जा रहे नाबालिग युवक-युवतियों और मजदूरोंं को बहाने ले जाए जाने पर लगाम लगाई जा रही है जिसके तहत इन बच्चियों को ले जाए जाने का मामला सामने आया था वहीं पूछताछ के दौरान अभी और भी मामले सामने आने की संभावना है।
फोन के जरिए जुटाए साक्ष्य
जिले से लड़कियों को ले जाए जाने की जानकारी पुलिस को 10 सितम्बर को हो गई थी, लेकिन जब तक जानकारी मिलती लड़कियों को जिले से ले जाया गया था। पुलिस को सिर्फ इतनी जानकारी लगी की लड़कियां तामिलनाडु ले जाई गई हैं, जिस पर टीम को गठित कर तामिलनाडु के लिए रवाना किया गया, जहां भी पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा लेकिन इसी दौरान एक लड़की का नम्बर मिलने और सम्पर्क करने पर उनका पता चला और पुलिस ने धागा फैक्टरी पहुंचने के पूर्व ही लड़कियों व ले जाने वाले युवक धनगांव निवासी मुन्ना परस्ते को गिरफ्तार किया और उन्हें वापस लेकर डिण्डौरी पहुंचे, जहां मानव तस्करी का मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। वहीं जिले से एक अन्य युवक ग्राम धुकड़ी के शंकर बाप्या को भी गिरफ्तार किया गया है।
बनते है फर्जी परिचय पत्र
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले से काम के बहाने नाबालिग लड़कियों को ले जाया जाता है जहां आयु छिपाने और उन्हें पर रखने के पूर्व कंपनियों के द्वारा फर्जी दस्तावेज भी तैयार करा लिए जाते हैं। इन दस्तावेजों में मुख्य रूप से आधार कार्ड, राशन कार्ड, व परिचय पत्र होते हैं जिन्हें पुलिस ने बरामद किया है। बताया जाता है कि ले जाई गई लड़कियों में 14 साल की बच्चियां भी थी जिनके नए फर्र्जी दस्तावेज तैयार किए जा रहे थे। इस सिलिसिले में पुलिस और भी साक्ष्य जुटाने की तैयारी में लगी हुई है।
गलत कामों की ओर भी
माना जा रहा है कि लड़कियों और लड़कों को नौकरी के लिए ले जाया जाता है जहां वे गलत कार्यों में भी भटक जाते हैं और ऐसे मामलों में उन युवक-युवतियों का भी पता नहीं चलता जिनको लेकर परिजन बाद में गुम इंसान की रिपोर्ट लिखाते हैं। बताया जाता है कि ऐसे भी कुछ लोगों की रिपोर्ट जिले के विभिन्न थानों में दर्ज है। जानकारी के अनुसार परिजनों के खातों में पैसा ना मिलने और उनसे संपर्क ना होने के बाद इस तरह की स्थितियां बनती हैं वर्तमान में पुलिस के सामने ऐसे गुमशुदगी के दो मामले दर्ज है जिन पुलिस कार्रवाई कर रही है।

 

Created On :   15 Sep 2017 11:40 AM GMT

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