जर्जर इमारतों को लेकर उदासीनता, बारिश के बाद भी नहीं दी गई लिस्ट

Shabby buildings, list not prepare even after rain
जर्जर इमारतों को लेकर उदासीनता, बारिश के बाद भी नहीं दी गई लिस्ट
जर्जर इमारतों को लेकर उदासीनता, बारिश के बाद भी नहीं दी गई लिस्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी में मानसून ने दस्तक दे दी है और झमाझम बारिश भी चालू हो गई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि मनपा ने अब तक जर्जर इमारतों की लिस्ट तैयार नहीं की है। जबकि शहर में बड़ी संख्या में जर्जर इमारतें हैं। मामले में 10 जोन से जर्जर इमारतों की  लिस्ट मांगी गई, लेकिन किसी ने भी लिस्ट नहीं दी है। ऐसे में यदि कोई जर्जर इमारत गिरती है, तो जिम्मेदार कौन होगा यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है क्योंकि बारिश के कारण विगत दिवस एक घर का छज्जा गिरने की घटना हो चुकी है।

जानकारी के अनुसार अब तक 2018 की सूची के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। विशेष बात यह है कि मामले में सभी जोन के सहायक आयुक्त को अग्निशमन विभाग ने पत्र लिखकर जानकारी मांगी है, लेकिन अभी तक किसी ने जवाब नहीं दिया है। जिससे ऐसा लग रहा है कि प्रशासन दुर्घटना का इंतजार करना है और दुर्घटना के बाद प्रशासन एक साथ हरकत में आएगा। पिछले साल भी ऐसी ही स्थिति बनी थी, बारिश बीत जाने के बाद इमारतों की लिस्ट मनपा के अग्निशमन विभाग को भेजी गई थी। इस वजह से उसका महत्व नहीं रहता है और लिस्ट का उपयोग अगले साल किया जाता है।

2018 के आंकड़े

मनपा के 10 जोन में 320 जर्जर इमारतों का सर्वे किया गया था, इसमें 317 इमारतों को नोटिस देने की कार्रवाई की गई थी। इसमें 98 इमारतों को तोड़ने की कार्रवाई की जा चुकी है, जबकि 36 इमारतों के जीर्णोद्धार का काम चल रहा था। वहीं कुछ मामले न्यायालय में प्रलंबित हैं।

अभी तक नहीं भेजी लिस्ट

हम आपदा प्रबंधन के लिए मनपा के सभी जोन से जर्जर इमारतों की लिस्ट मांगते हैं। मामले में सभी सहायक आयुक्त को पत्र लिखा गया था, लेकिन उनकी ओर से लिस्ट प्राप्त नहीं हुई। - राजेंद्र उचके, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, मनपा

Created On :   6 July 2019 11:10 AM GMT

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