रहस्य बने हुए हैं देवी शक्ति के ये चार स्थान....

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रहस्य बने हुए हैं देवी शक्ति के ये चार स्थान....
रहस्य बने हुए हैं देवी शक्ति के ये चार स्थान....

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शास्त्रों के अनुसार जहां.जहां देवी सती के शरीर के हिस्से उनके वस्त्र व आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ हैं। प्रत्येक शक्तिपीठ की अपनी अलग मान्यता है जिसके तहत दुनियाभर से लोग माता के दर्शनों के लिए आते हैं। देवी शक्ति के 51 शक्तिपीठ ही माने गए हैं किंतु यहां हम आपको कुछ ऐसे स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका संबंध देवी शक्ति से ही है लेकिन इनके बारे में आज भी वास्तविक स्थिति अज्ञात है...

 

मद्रास के आसपास रत्नावली 

यह स्थान मद्रास के आसपास बताया जाता है। इसे लेकर कहा जाता है कि यहां देवी सती का कंधा गिरा थाए किंतु इसकी सही स्थिति के बारे में अब तक कोई नहीं जान पाया। 
 
कालमाधव शिव असितानंद 
यह स्थान भी अब तक अज्ञात बना हुआ है। मान्यता है कि यहां माता सती के बायां कूल्हा गिरा था। यहां देवी कालमाधव और शिव असितानंद नाम से विराजित हैं।

  
लंका में गिरा था गहना 

यहां सती को इंद्राक्षी और शिव को रक्षेश्वर नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि यहां विष्णु चक्र से खंडित होने के बाद देवी सती का कोई गहना गिरा था। शास्त्रों में भी इसका उल्लेख मिलता हे। हालांकि इसकी वास्तविक स्तिथि का अब तक पता नही है। 

 

पंचसागर में वरही

शास्त्रों में जरूर इसका वर्णन है किंतु यह स्थान कहां है ये कोई नही जानता। यहां देवी को वरही नाम से जाना गया है। 
 

दर्शन करना अत्यधिक ही पुण्यकारी

अामताैर पर अनपे जीवन काल में देवी सती के स्थानों अर्थात शक्तिपीठाें के दर्शन करना अत्यधिक ही पुण्यकारी बताया गया है लेकिन अब तक इन स्थानों के बारे में सिर्फ शास्त्रों में ही पढ़ा जा सका है।   इनके बारे में जानने के प्रयास अनेक बार किए गए हैं इन स्थानों को भी तलाशा गया, किंतु कुछ खास हाथ नही लगा।हालांकि जीवन काल में सभी स्थानों पर पहुंचना सभी के लिए संभव भी नही है।

Created On :   20 Dec 2017 12:23 AM GMT

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