दिव्यांग बच्चों के आजीवन पुनर्वसन की व्यवस्था करे सरकार : पापलकर

shankarbaba papalkar on Lifelong rehabilitation of divyang children against govt
दिव्यांग बच्चों के आजीवन पुनर्वसन की व्यवस्था करे सरकार : पापलकर
दिव्यांग बच्चों के आजीवन पुनर्वसन की व्यवस्था करे सरकार : पापलकर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर दिव्यांग बच्चों को छात्रावास में छोड़ना पड़ता है। उसके बाद उनका जीवन किस तरह से बीतता है इसकी परवाह किसी को नहीं होती है। इसलिए मेरा सरकार से अनुरोध है कि, दिव्यांग बच्चों के आजीवन पुनर्वसन की व्यवस्था की जाए। यह बात कारुण्यऋषि शंकरबाबा पापलकर ने अपने सत्कार समारोह में कही। साइंटिफिक सभागृह में ग्रामायण प्रतिष्ठान की ओर से सामाजिक कृतज्ञता समारोह में अनाथ मतिमंद बच्चों के पिता व समाजेसवी शंकरबाबा पापलकर का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान स्वीकारते हुए शंकरबाबा पापलकर ने कहा कि, जिन दिव्यांगों के पास आधार कार्ड हैं, उनको  सरकार की तरफ से प्रतिमाह 3000 रुपए उनके खाते में जमा करने  चाहिए।

प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि साथ ही दिव्यांगों को नौकरी में केवल 3 प्रतिशत आरक्षण है, उसमें संशोधन किया जाना चाहिए। इस दौरान शंकरबाबा ने अपनी संस्था तथा वहां पर रह रहे दिव्यांगों के अनुभव जनता के सामने रखे। कार्यक्रम के दौरान शंकरबाबा से स्थानीय दर्शकों के साथ सीधा संवाद साधा। अनेक सवालों के जवाब देकर लोगों का समाधान किया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता मा.गो वैद्य ने की। कार्यक्रम के दौरान मंच पर अनिल सांबरे, संजय सराफ, चंद्रकांत रागीट, मंजूषा रागीट, श्रीकांत गाडगे, आशुतोष देशपांडे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ विलास खनगण तथा उनकी टीम ने किया। संचालन जयश्री वटे ने तथा आभार प्रदर्शन संजय सराफ ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय दृष्टिहीन शिक्षण पुनर्वसन संस्था की टीम ने पसायदान से किया।  कार्यक्रम में महापौर नंदा जिचकार प्रमुखता से उपस्थित थीं।  इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजसेवी व संस्था के सदस्य उपस्थित थे।

इन संस्थाओं का हुआ सत्कार
इस अवसर पर श्री अनाथ सेवा आश्रम अशोक नगर पांचपावली, राष्ट्रीय दृष्टिहीन शिक्षण व पुनर्वसन संस्था नागलवाड़ी मोहित नगर हिंगना, अपंग व निराधार बहुउद्देशीय कल्याणकारी संस्था रामटेक, श्रीमती राधाबाई मूकबधिर निवासी शाला कोंढाली-काटोल, अपंग कल्याणकारी बहुउद्देशीय संस्था कबीर नगर, जयताला आदि संस्थाओं का भी सत्कार किया गया। सत्कार मूर्तियों ने सभी का आभार माना।

Created On :   27 Sep 2018 8:06 AM GMT

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