JDU पर दावे की लड़ाई हारने के बाद शरद यादव बनाएंगे नई पार्टी

Sharad Yadav faction to form a new party after gujarat election
JDU पर दावे की लड़ाई हारने के बाद शरद यादव बनाएंगे नई पार्टी
JDU पर दावे की लड़ाई हारने के बाद शरद यादव बनाएंगे नई पार्टी

डिजिटल डेस्क, पटना। जदयू पर अपने दावे की लड़ाई हारने के बाद पार्टी के वरीय नेता शरद यादव के गुट ने एक हफ्ते के अंदर नई पार्टी गठित करने की घोषणा कर दी है। फिलहाल पार्टी का नाम तय नहीं किया है। शरद गुट ने आयोग के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती देने के साथ ही नई पार्टी के गठन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि कि जदयू के पूर्व अध्‍यक्ष शरद यादव ने चुनाव आयोग में पार्टी पर अपना दावा किया था। आयोग ने इस दावे को खारिज कर दिया है। इसके साथ बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के निर्विवाद अध्‍यक्ष बन गए हैं।

शरद यादव ने अपने गुट के नेताओं से तीन दिन के भीतर नए दल का नाम सुझाने के लिए कहा है। इससे एक सप्ताह के भीतर पार्टी के नाम की घोषणा की जा सके। यादव ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेडीयू पर अपने दावे को बरकरार रखते हुए कहा कि अदालत के फैसले का इंतजार किए बिना नई पार्टी का गठन अब जरूरी हो गया है।

गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए शरद गुट ने चुनाव लड़ने के लिए अपने पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष छोटुभाई वासवा के नेतृत्व में भारतीय ट्राइबल पार्टी" नामक नया दल रजिस्‍टर्ड कराया है। राजशेखरन को इसका नया अध्यक्ष बनाया गया है। उनको छोटूभाई बसावा की जगह अध्यक्ष बनाया गया है। बसावा ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

शरद गुट के महासचिव अरुण श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के फैसले में देरी के कारण शरद गुट को गुजरात में कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नई पार्टी का गठन करना पड़ा। इसके फलस्वरूप नवगठित भारतीय ट्राइबल पार्टी के चुनाव चिन्ह पर बसावा सहित सात प्रत्याशी गुजरात में कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर चुनाव मैदान में हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि जरात विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नवगठित पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

इससे पहले शरद यादव और नीतीश कुमार ने मिलकर बिहार में राजद सरकार को मिलकर समर्थन दिया था। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की राजद से जद (यू) ने गठबंधन किया था। इस साल जुलाई में नीतीश कुमार के राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा का समर्थन करने के बाद जद (यू) में विभाजन हो गया जिसका शरद यादव ने विरोध किया था तथा कांग्रेस के समर्थन की घोषणा की थी।

 

Created On :   27 Nov 2017 3:04 PM GMT

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