शरद यादव के साथ राहुल गांधी ने भरी हुंकार, कहा- इन लोगों के खिलाफ हमें साथ मिलकर लड़ना होगा

sharad yadav organise a convention in delhi to mobilize opposition
शरद यादव के साथ राहुल गांधी ने भरी हुंकार, कहा- इन लोगों के खिलाफ हमें साथ मिलकर लड़ना होगा
शरद यादव के साथ राहुल गांधी ने भरी हुंकार, कहा- इन लोगों के खिलाफ हमें साथ मिलकर लड़ना होगा

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। बिहार में नीतीश के NDA में शामिल होने से नाराज चल रहे पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने आज दिल्ली में "सांझी विरासत बचाओ" सम्मेलन किया। इस सम्मेलन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत विपक्ष के कई बड़े नेता शामिल हुए। सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी पहुंचे। इस दौरान शरद यादव ने कहा कि देश के लगों को बेचैनी हो रही है। मैंने किसी को नहीं बुलाया लेकिन फिर भी लोग मेरे साथ जुड़ रहे हैं। कार्यक्रम में राहुल गांधी ने पीएम मोदी और RSS को जमकर घेरा। राहुल ने RSS पर हमला करते हुए कहा कि, इन लोगों ने तो तिरंगे को सलामी देना भी तब सीखा जब वो सत्ता में आए। 

और क्या कहा राहुल ने? 

राहुल ने RSS पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि इन्हें पता है कि ये चुनाव नहीं जीत सकते, इसलिए अपने लोगों को हर जगह बिठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने तो तिरंगे को भी सलामी देना तब सीखा जब ये सत्ता में आए। राहुल ने पीएम मोदी पर भी जमकर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी ने सरकार में आने से पहले कहा था कि 2 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, सबके अकाउंट में 15 लाख रुपए देंगे लेकिन अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया। राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 2 सालों में करोड़पतियों का 1 लाख 30 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर दिया लेकिन उन्हें किसानों की आत्महत्या नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को इनके खिलाफ एक साथ खड़े होकर लड़ना है। राहुल ने कहा कि मोदी जी ने पूरे देश की कमान 15-20 बिजनेसमैन को दे दी है और वही लोग मिलकर इस देश को चला रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी का मेक इन इंडिया पूरी तरह से फेल हो गया और पूरे देश में मेक इन इंडिया की बजाय मेड इन चाइना ही दिखाई दे रहा है। 

शरद यादव वाली JDU ही असली JDU है : कांग्रेस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार को घेरा। उन्होंने कहा कि शरद यादव वाली JDU ही असली JDU है, नीतीश वाली JDU तो BJP की है। उन्होंने आगे कहा कि आज अंग्रेज नहीं है, लेकिन उनके समर्थक हैं जो भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि आज जो देश का माहौल है वो एमरजेंसी का भी बाप है। लोग सड़क पर भी बात करने से ड़र रहे हैं। 

फारूक अब्दुल्ला ने कहा- मैं कोई पाकिस्तानी मुसलमान नहीं हू

कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हुए। अब्दुल्ला ने कहा कि पहले हमारी लड़ाई अंग्रेजों से थी लेकिन अब अपनों से है। उन्होंने कहा कि ये लोग जोड़ने की सिर्फ बात ही करते हैं लेकिन काम तोड़ने का करते हैं। एक पाकिस्तान बना दिया और कितने पाकिस्तान बनाओगे? उन्होंने आगे कहा कि मैं उस घाटी से आया हूं जहां पर लोगों को पाकिस्तानी कहा जाता है। उन्होंने आगे कहा कि आजादी के समय हम चाहते तो आसानी से पाकिस्तान जा सकते थे लेकिन हम नहीं गए क्योंकि हम पाकिस्तानी या अंग्रेजी मुसलमान नहीं है। हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। 

क्यों बागी हुए शरद यादव? 

बिहार में पिछले दिनों जिस तरह से राजनीति ने करवट ली थी, उसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़कर NDA में शामिल हो गए और उसके समर्थन से दोबारा मुख्यमंत्री बन गए, जिसके बाद से ही JDU के अंदर बगावत शुरु हो गई थी। लेकिन शरद यादव पार्टी के बड़े नेता रहे हैं, इसलिए उनकी बगावत जगजाहिर हो गई। इसके बाद शरद यादव भी खुलकर नीतीश के इस फैसले के विरोध में खड़े हो गए। शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी के नेता के पद से भी हटा दिया गया। इससे शरद यादव और नाराज हो गए और बागी तेवर अपना लिए। राज्यसभा में नेता के पद से हटाए जाने के बाद से ये अंदेशा लगाया जा रहा है कि शरद यादव को पार्टी से भी बाहर किया जा सकता है।  

इस सम्मेलन के क्या हैं सियासी मायने? 

शरद यादव भले ही इस सम्मेलन को देश हित का बता रहे हों लेकिन सियासी गलियारों में इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि नीतीश के महागठबंधन से बाहर जाने के बाद शरद यादव एक ऐसे नेता बनने का सपना देख रहे हैं जो BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की क्षमता रखता हो। जब तक नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल थे तब तक वही एक ऐसे नेता थे जो विपक्ष को एकजुट कर सकते थे और उन्होंने ऐसा किया भी। लेकिन उनके जाने के बाद अब कोई नेता नहीं बचा। शरद यादव ने इस सम्मेलन में डॉ. बीआर अंबेडकर के प्रपौत्र प्रकाश अंबेडकर और महाराष्ट्र के किसान नेता राजू शेट्टी को भी बुलाया है। इसके अलावा सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी समेत सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं को इस सम्मेलन में बुलाया गया है। इसके साथ ही ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि शरद यादव पार्टी के सांसद अली अनवर के साथ मिलकर इस सम्मेलन में किसी गैर-राजनीतिक मंच का ऐलान भी कर सकते हैं। अली अनवर पार्टी के बड़े नेता हैं और नीतीश के NDA में शामिल होने के बाद उन्होंने शरद यादव का साथ दिया था। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक शरद यादव अली अनवर के साथ मिलकर 19 अगस्त को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में "जन अदालत सम्मेलन" भी करने वाले हैं। 

लालू की रैली में गए तो पार्टी में नहीं रहेगी कोई जगह : JDU

वहीं शरद यादव के इस सम्मेलन में JDU नेता केसी त्यागी का कहना है कि अगर वो देश की साझी विरासत बचाने के लिए लोगों को साथ लाते हैं तो इससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर शरद यादव 27 अगस्त को होने वाली लालू प्रसाद यादव की रैली शामिल होते हैं तो फिर JDU में उनकी कोई जगह नहीं रह जाएगी। आपको बता दें कि 19 अगस्त को पटना में JDU की बैठक होने वाली है जिसमें JDU के NDA में शामिल होने का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
 

Created On :   17 Aug 2017 2:36 AM GMT

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