सावरकर को भारत रत्न न देने पर शिवसेना भड़की, कहा - मोदी युग में हिंदूत्ववादी नजरअंदाज 

Shiv Sena criticized Modi government for not giving Bharat Ratna to Veer Savarkar
सावरकर को भारत रत्न न देने पर शिवसेना भड़की, कहा - मोदी युग में हिंदूत्ववादी नजरअंदाज 
सावरकर को भारत रत्न न देने पर शिवसेना भड़की, कहा - मोदी युग में हिंदूत्ववादी नजरअंदाज 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र व राज्य की सत्ता में सहभागी शिवसेना ने वीर सावरकर को भारत रत्न सम्मान न दिए जाने पर मोदी सरकार की आलोचना की है। पार्टी ने कहा कि यह बेहद “दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक वीर सावरकर को “मोदी युग” में भी नजरअंदाज किया गया और भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। पार्टी ने यह भी कहा कि दिग्गज कलाकार दिवंगत भूपेन हजारिका को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिया गया जो कि गलत बात है। केंद्र एवं महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना लंबे समय से विनायक दामोदर सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग करती रही है। सावरकर को अंग्रेजों ने उम्रकैद की सजा दी थी जिसके बाद उन्होंने जीवन का ज्यादातर समय अंडमान की सेलुलर जेल में बिताया। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित करने का समय आ गया है ताकि पिछली सरकारों की “गलतियों” को सुधारा जा सके जिन्होंने उनके कट्टर हिंदुत्व विचारों के चलते उन्हें “जानबूझ कर नजरअंदाज” किया था।      

पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन काल में सावरकर का अपमान किया। लेकिन मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद क्या किया? भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए सावरकर को भारत रत्न देने की पुरजोर मांग की थी। लेकिन न तो राम मंदिर बना न ही सावरकर को भारत रत्न मिला। पार्टी ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ‘मोदी काल’ में भी सावरकर को भारत रत्न नहीं दिया गया। शिवसेना ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने अंडमान गए थे और उस जेल का भी दौरा किया था जहां कभी सावरकर कैद रहे थे। प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने पर अपनी पीठ थपथपाते हुए शिवसेना ने कहा कि भाजपा के विरोध के बावजूद उसने राष्ट्रपति पद के लिए मुखर्जी की दावेदारी का समर्थन किया था। संपादकीय में पार्टी ने कहा, “अगर मुखर्जी ‘भारत रत्न’ हैं तो उन्हें राष्ट्रपति के तौर पर दूसरा कार्यकाल क्यों नहीं दिया गया? उनका चुनाव निर्विरोध होता।”   

Created On :   28 Jan 2019 4:09 PM GMT

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