शिव चतुर्दशी 2018 : दीर्घायु, ऐश्वर्य के साथ मिलेगा शिवधाम में स्थान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को शिव चतुर्दशी कहा जाता है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित है। इसके बारे में कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को धारण कर विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करता है उसे पुण्यफल के साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। वह काम, क्रोध, मोह और लोभ के बंधनों से मुक्त होेता है। इस वर्ष यह 15 जनवरी 2018 सोमवार को मनाया जा रहा है। सोमवार का दिन होने की वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि ये दिन शिव का प्रिय दिन माना जाता है।
व्रत विधि
-भविष्य पुराण में ऐसा वर्णन मिलता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ के प्रियजनों और गणों अर्थात मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय सहित नंदी की भी पूजा की जाती है।
-यह व्रत धारण करने वाले को विधि और नियमों को पूरा ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके। आवश्यकतानुसार किसी विशेषज्ञ का भी मार्गदर्शन लिया जा सकता है।
-व्रत का संकल्प लेकर भगवान शंकर की उनके प्रियजनों समेत धूप एवं दीप सहित पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए। जैसा कि सर्वविदित है इनके पूजन में भांग, धतूरा और बेलपत्र का विशेष महत्व है तो इन्हें पूजा सामग्री में शामिल करना ना भूलें।
व्रत का फल
भगवान शिव की आराधना त्रयोदशी की रात्रि से प्रारंभ की जा सकती है। दूसरा पूरा दिन और रात्रि में भी शिव मंत्रों का जाप करना उत्तम होगा, हालांकि इस विधि को सामथ्र्य अनुसार अपनाया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि"ऊँ नम: शिवाय" व " शिवाय नम:" इस मंत्र का जाप कर यह व्रत जो भी जातक श्रद्धाभाव से करता है उसके व उसके माता-पिता के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वह दीर्घायु, ऐश्वर्य सांसारिक सुखों को प्राप्त कर अंत में शिवधाम की ओर गमन करता है।
Created On :   14 Jan 2018 4:11 AM GMT