ऑस्कर अवॉर्ड 2019 के लिए नॉमिनेट ​हुई भारत की ये​ फिल्म

ऑस्कर अवॉर्ड 2019 के लिए नॉमिनेट ​हुई भारत की ये​ फिल्म

डिजिटल डेस्क मुम्बई। सिने जगत का सबसे प्रतिष्ठत अवॉर्ड ऑस्कर इस साल 24 फरवरी को दिया जा रहा है। इस साल इस अवॉर्ड का 91वां साल है। इस अवॉर्ड की ‘डॉक्यूमेंटरी शॉर्ट सब्जेक्ट" कैटेगरी के लिए भारत की एक फिल्म को शामिल किया गया है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आधारित फिल्म है। फिल्म का नाम ‘पीरियड इंड ऑफ सेन्टेंस’ हैं। जिसे रायका जेहताबची ने डायरेक्ट किया है। 

‘पीरियड इंड ऑफ सेन्टेंस’ जैसा कि नाम से समझ आता है कि यह फिल्म पीरियड पर बनी है। फिल्म की टोटल समयावधि 26 मिनट है। यह फिल्म भारत के एक हापुड़ के पास काथीखेड़ा गांव में कुछ महिलाओं के एक समूह और उनके अनुभवों पर आधारित है। फिल्म में मशहूर अरुणाचलम मुरुगंथम द्वारा बनाई गई लो-कॉस्ट मशीन से महिलाएं सैनिटरी नैपकिन बनाती हैं। फिल्म में इन्हीं महिलाओं के अनुभवों को साझा किया गया है। फिल्म का ट्रेलर 2018 में रिलीज किया गया था। 

इस फिल्म की कहानी एक ऐसी लड़की पर आधारित है,​ जिसका नाम स्नेहा है। उसके पिता एक किसान है, उनका नाम राजेंद्र है। स्नेहा की उम्र मात्र 22 वर्ष है। स्नेहा बचपन से पुलिस अफसर बनना चाहती थी, लेकिन असल जिंदगी में वह कभी अपने गांव हापुड़ से बाहर भी निकली। एक इंटरव्यू में ​स्नेहा ने इस​ फिल्म के बारे में बात की। उसके अनुसार स्नेहा का परिवार ही उसकी जिंदगी है। उसकी भाभी "एक्शन इंडिया" संस्था के लिए काम करती थीं। उसने सोचा कि वह संस्था में काम करके कुछ पैसे कमा लूंगी और कोचिंग कर सकूंगी। इस बारे में जब वह अपनी मां से बात करती है तो मां भी हामी भर देती हैं। पिता को इस बारे में पूरा सच नहीं बताया जाता। उन्हें सिर्फ यही बताया जाता है कि वे बच्चों के डाइपर बनाने वाली संस्था में काम करती है। 

अपने बात जारी रखते हुए स्नेहा ने बताया कि एक बार हापुड़ जिले में कॉर्डिनेटर का काम देखने वाली शबाना के साथ कुछ विदेशी लोग आए। वे ​पीरियड को लेकर कुछ फिल्म बनाने वाले थे। तब मैंने सोचा कि मुझे आगे आना चाहिए। मैंने साहस जुटाया और फिल्म में काम किया। शूटिंग लगभग एक साल बाद यह पता चला कि यह फिल्म इतने बड़े अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई है। 
 

Created On :   20 Feb 2019 10:04 AM GMT

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