'नवरात्र' पर बदला नजारा, विदेशी फूलों से सजा मां 'वैष्णो देवी' दरबार

Shri Mata Vaishno Devi Yatra during the Navratri Festival 2017
'नवरात्र' पर बदला नजारा, विदेशी फूलों से सजा मां 'वैष्णो देवी' दरबार
'नवरात्र' पर बदला नजारा, विदेशी फूलों से सजा मां 'वैष्णो देवी' दरबार

डिजिटल डेस्क, कटरा। नवरात्र में मां वैष्णों के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ पहुंचती है। इस वर्ष भी श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने नवरात्रों के दौरान बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था की हैए जिससे यात्री वैष्णों देवी की पवित्र गुफा मंदिर की यात्रा आसानी से कर सकते है। त्रिकूट पर्वत पर गुफा में विराजित माता वैष्णों देवी का स्थान हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। 

इस वर्ष माता वैष्णों देवी, अष्टका और उसके आसपास के क्षेत्र के भवन को देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से लाए गए फूलों से सजाया गया है। नवरात्र पर भक्तों को मां के भव्य दर्शन होंगे। माता वैष्णों देवी को लेकर अनेक कथाएं प्रचलित हैं। बताया जाता है कि जब भैरवनाथ ने माता को पकड़ने की कोशिश की तब वे इस गुफा की ओर भागीं और हनुमान को बुलाकर उनसे नौ माह तक गुफा में ही तप करने की बात कही। 

पीछे मुड़कर देखा 

इस गुफा के बाहर माता की रक्षा के लिए हनुमानजी ने भैरवनाथ के साथ नौ माह खेला। आज इस पवित्र गुफा को अर्धक्वांरी के नाम से जाना जाता है। इसी के पास ही माता की चरण पादुका भी हैं। यह वह स्थान है जहां माता ने भागते-भागते मुड़कर भैरवनाथ को देखा था। कहते हैं उस वक्त हनुमानजी मां की रक्षा के लिए उनके साथ ही थे। हनुमानजी को प्यास लगने पर माता ने उनके आग्रह पर धनुष से पहाड़ पर एक बाण चलाकर जलधारा को निकाला और उस जल में अपने केश धोए। 

पूर्ण नही होगी यात्रा 

आज यह पवित्र जलधारा श्बाणगंगा के नाम से जानी जाती है, जिसके पवित्र जल का पान करने या इससे स्नान करने से भक्तों की सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं। त्रिकुट पर मां वैष्णों  ने जब भैरवनाथ का संहार किया तब उसके क्षमा मांगने पर उसे अपने से उंचा स्थान देते हुए माता ने कहा, जो मनुष्य मेरे दर्शन के बाद तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा उसकी यात्रा पूर्ण नहीं होगी। 

Created On :   21 Sep 2017 3:43 AM GMT

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