नए बिजली कनेक्शन देने SNDL को कोर्ट से नहीं मिली परमिशन

SNDL pleaded for a change in its old order in the Bombay High Court
नए बिजली कनेक्शन देने SNDL को कोर्ट से नहीं मिली परमिशन
नए बिजली कनेक्शन देने SNDL को कोर्ट से नहीं मिली परमिशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में हाईटेंशन प्रकरण पर दायर सू-मोटो जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। एसएनडीएल ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर अपने पुराने आदेश में परिवर्तन की विनती की। एसएनडीएल के अनुसार हाईकोर्ट ने 31 अगस्त 2017 को बगैर ऑक्यूपेसी सर्टिफिकेट वाले मकान धारकों को बिजली के कनेक्शन नहीं देने के आदेश दिए थे। इसके बाद 5 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने अपने आदेश में सुधार किया। आक्यूपेसी सर्टिफिकेट की जगह सेक्शन मैप प्रस्तुत करने पर बिजली कनेक्शन देने की छूट दी। इसके बाद नए बिजली कनेक्शन के लिए एसएनडीएल को अब तक कुल 630 आवेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश लोगों ने आवेदन में सेक्शन मैप नहीं लगाए हैं। ऐसे में उन्हें अब तक बिजली कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। 

दलील काम नहीं आई
एसएनडीएल ने अपनी अर्जी में हाईकोर्ट से आवेदनकर्ताओं को कनेक्शन देने की अनुमति मांगी है। दलील दी है कि आवेदनकर्ताओं के घर हाईटेंशन श्रेणी में नहीं आते, लिहाजा इन्हें बिजली कनेक्शन देने में कोई हर्ज नहीं है। बिजली कनेक्शन उनका अधिकार है। उलट इन्हें बिजली के वैध कनेक्शन न देने के कारण हुक डालकर बिजली चोरी के मामले बढ़ रहे हैं। मामले में सभी पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने फिलहाल अपने आदेश में कोई परिवर्तन करने के आदेश जारी नहीं किए। मामले में न्यायालयीन मित्र एड. श्रीरंग भंडारकर से दो सप्ताह मंे जवाब मांगा गया है। 

यह था मामला 
शहर में बिजली के हाईवोल्टेज तार के समीप बने घरों में हादसे हुए, जिससे कई लोगों की मृत्यु हुई। ऐसा ही एक हादसा शहर के सुगत नगर स्थित आर्म्स टाउनशिप में पीयूष और प्रियांश धर नामक भाइयों के साथ हुआ था, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सू-मोटो जनहित याचिका दायर की। सुनवाई में पता चला कि सिर्फ सुगत नगर में नहीं, बल्कि शहर भर में बिल्डरों और लोगों ने बिजली की हाईवोल्टेज तारों के समीप अनधिकृत तरीके से निर्माण कार्य किए हैं। मामला कोर्ट के विचाराधीन है। मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक कामकाज देख रहे हैं।

Created On :   8 Jan 2019 10:35 AM GMT

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