पिता-पुत्र मिलकर सुलझाएं प्रॉपर्टी का मसला, रेमंड मामले में HC का सुझाव

Solve dispute amicably: HC advise to Singhania father and son
पिता-पुत्र मिलकर सुलझाएं प्रॉपर्टी का मसला, रेमंड मामले में HC का सुझाव
पिता-पुत्र मिलकर सुलझाएं प्रॉपर्टी का मसला, रेमंड मामले में HC का सुझाव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रेमंड कंपनी के मालिक और MD गौतम सिंघानिया और उनके पिता विजयपत सिंघानिया के बीच प्रॉपर्टी को लेकर चल रहे विवाद के मसले पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनों को आपस में मिल-बैठकर हल निकलने का सुझाव दिया है। विजयपत ने हाईकोर्ट से यह कहते हुए गुहार लगायी थी कि उनके बेटे गौतम उन्हें प्रॉपर्टी के बंटवारे में उनका हिसा नहीं दे रहे हैं।

कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक स्थगित करते हुए कहा कि रेमंड को JK हाउस के दो मंजिलों का स्वामित्व, किसी तीसरे पक्ष को देने का कोई अधिकार नहीं है। जब तक कोर्ट इस बारे में अंतिम फैसला नहीं ले लेता, तब तक ऐसी कोई सौदेबाजी नहीं होगी। दक्षिण मुंबई के JK हाउस में विजयपत का डुप्लेक्स मकान है, जिस पर उनका कब्ज़ा नहीं है। विजयपथ सिंघनिया ने अपनी याचिका में कहा था कि बाप और बेटे के बीच इस तरह का विवाद कोर्ट में आना ही नहीं चाहिए। कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने जस्टिस जी एस कुलकर्णी से कहा, "इस मामले में कोर्ट जो भी डिसीजन देगा, वह उसे मानने को तैयार है"।

क्या है विवाद

सिंघानिया परिवार के बीच 2007 में हुए एक समझौते के तहत विजयपत, उनके बेटे गौतम और विजयपत के भाई अजयपत के दोनों बेटों और उनकी विधवा पत्नी को JK हाउस में डुप्लेक्स मकान देने का समझौता हुआ था। याचिका में विजयपत ने ये भी आरोप लगाया है कि गौतम ने JK हाउस में अपने अधिकार क्षेत्र से ज्यादा कब्ज़ा जमा रखा है। उन्होंने यह भी कहा रेमंड कंपनी ने उनके हिस्से के डुप्लेक्स का दाम चुकाने के आग्रह को भी स्वीकार नहीं किया, इसीलिए उन्हें मजबूरन कोर्ट की सलाह लेनी पड़ी। सिंघानिया ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह JK हाउस के स्वामित्व पर रेमंड के अधिकार पर रोक लगाये और उनके डुप्लेक्स अपार्टमेंट का हक दिलाने के लिए एक रिसीवर नियुक्त करें।

Created On :   10 Aug 2017 1:56 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story