सोनिया और राहुल के आदर्श गांव, 'स्कूल की दीवारों पर लिखीं भद्दी-भद्दी गालियां'

Sonia gandhi and rahul gandhi Sansad Adarsh Gram Yojana report
सोनिया और राहुल के आदर्श गांव, 'स्कूल की दीवारों पर लिखीं भद्दी-भद्दी गालियां'
सोनिया और राहुल के आदर्श गांव, 'स्कूल की दीवारों पर लिखीं भद्दी-भद्दी गालियां'

डिजिटल डेस्क, रायबरेली/अमेठी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई "सांसद आदर्श ग्राम योजना" अपना एक अलग ही मखौल लिए साथ चल रही है। इस योजना के तहत सांसदों को एक गांव गोद लेना होता है और इन गांवों के विकास को बढ़ावा देते हुए शिक्षा और स्वच्छता पर अत्यधिक ध्यान देना होता है। इसी प्रकार कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी और वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दो गांवों को गोद लिया था। आज जब उन गांवों में जाते हैं तो स्कूलों की दीवारों पर भद्दी-भद्दी गालियां लिखीं मिलती हैं।

 

 

बता दें कि सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश का रायबरेली माना जाता है, वहीं राहुल गांधी का गढ़ अमेठी है। सोनिया गांधी ने "सांसद आदर्श ग्राम योजना" के तहत उड़वा नामक गांव को गोद लिया हुआ है। यह गांव रायबरेली जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राहुल गांधी ने अमेठी संसदीय क्षेत्र के जगदीशपुर गांव को गोद लिया है। यह गांव उड़वा से तकरीबन 13-14 किलोमीटर की दूरी पर है।

सोनिया का उड़वा गांव
सोनिया गांधी के आदर्श गांव उड़वा में जब जाकर देखा गया तो यहां के स्कूल की दीवारों पर कोयले से भद्दी-भद्दी गालियां लिखीं हैं। प्राथमिक विद्यालय पहुंच तो वहां कुछ बच्चों के हाथों में झाड़ू दिखाई दिए। यहां शिक्षक से पहले ही बच्चे पहुंच जाते हैं और उनका काम कमरों की सफाई करना होता है। शौचालय इतने गंदे होते हैं कि उस तरफ देखने मात्र से ही मन मेला हो जाता है, वहां जाने की तो बात ही दूर है। इन गंदे शौचालयों पर भी ताला लगा दिया गया है। बताया गया कि यह तभी खुलते हैं, जब बच्चों को जरूरत होती है।

 

 

जब गांव के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय का हाल देखा गया तो वह इससे भी एक पायदान अव्वल निकला। यहां भी वही हाल जो गांव के बाकी स्कूलों के हैं। इस स्कूल परिसर में सहायक शिक्षक बड़े ही आराम से पढ़ाई लिखाई छोड़कर टहल रहे थे। साथ ही "स्वच्छ भारत अभियान" का हिस्सा बताते हुए उंगलियों के इशारों पर बच्चों से काम भी करवा रहे थे। कोई बच्चा जग में पानी भर कर ला रहा है, तो कोई झाड़ू से सफाई में लगा हुआ है।


राहुल गांधी का जगदीशपुर गांव
अमेठी संसदीय क्षेत्र के जगदीशपुर गांव की जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ले रखी है। उन्होंने इसको आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया है। इस गांव के प्राथमिक विद्यालय में जाकर हाल देखा तो सबसे पहले नजर प्रधानाध्यापक के कक्ष की ओर गई। यहां प्रधानाचार्य या फिर किसी शिक्षक की बजाय राशन की बोरियां और अन्य सामान भरा नजर आता है।

 

 

उड़वा गांव की तरह यहां के स्कूलों में भी वही हाल देखने को मिला है। यहां पर भी शौचालय में ताला लगा हुआ है। शौचालय में ताला लगा होने की वजह से शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी पास के गांव में जाना पड़ता है। यहां की कक्षाओं में बच्चों की जगह राशन, कूड़ा, लकड़ी और अन्य सामान ही नजर आता दिख रहा है। स्कूल कक्षाओं की दीवारें भी जर्जर नजर आई हैं, जो किसी भी वक्त किसी भी अनहोनी घटना को निमंत्रण दे सकती हैं।

कुल मिलाकर पूरा विद्यालय एक 60 वर्षीय बुजुर्ग के हवाले है। पूछने पर पता चलता है कि प्रधानाध्यापक कहीं "मीटिंग" में गए हैं, वहीं एक मैडम अपना मोबाइल चार्ज करने घर गई हुई हैं। यहां के माध्यमिक विद्यालय की हालत की हालत तो यह है कि शिक्षक स्टॉफ रूम में बैठे हैं और स्टूडेंट्स क्लासेज के बाहर घूम रहे हैं। पूछने पर बताया जाता है कि रिजल्ट घोषित करने का समय आ गया है इसलिए सभी उसमें व्यस्त हैं।

जानकारी में बता दें कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इन दोनों ही "आदर्श सांसद ग्रामों" में चिंता की बात यह भी है कि यहां आठवीं के बाद की पढ़ाई के कोई विकल्प भी नहीं है। इन सभी मामलों में जब जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करना चाहा, तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए बात करने से इनकार कर दिया। अब आप ही अंदाजा लगाइए कि जब सांसदों के आदर्श गांवों का हाल ये है, तो अन्य गांवों का तो भगवान ही मालिक है।

Created On :   2 April 2018 2:42 PM GMT

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