गौरैया दिवस पर विशेष: 50 फीसदी कम हुई गौरैया की संख्या

Special on world sparrow day,number of sparrow decreased 50%
गौरैया दिवस पर विशेष: 50 फीसदी कम हुई गौरैया की संख्या
गौरैया दिवस पर विशेष: 50 फीसदी कम हुई गौरैया की संख्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  घर के आंगन व छत पर बैठी ढेर सारी गौरैया की चहचहाहट से  कुछ साल पहले तक लोगों की आंख खुलती थी।   लेकिन अब उनकी आवाज कानों तक नहीं पहुंचती है। रिपोर्ट्स के अनुसार गौरैया की संख्या में करीब 60 फीसदी तक कमी आ गई है। पुणे की इला फाउंडेशन के अनुसार नागपुर सहित बड़े शहरों गौरैयाें की संख्या पिछले दस वर्षों में 50 फीसदी तक कम हो चुकी है। ब्रिटेन की रॉयल सोसायटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्डस ने भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययनों के आधार पर गौरैया को रेड लिस्ट में डाला है। खास बात यह है यह कमी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखी गई है। पश्चिमी देशों में हुए अध्ययनों के अनुसार गौरैया की आबादी घटकर खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।

नेचर फाॅरएवर साेसाइटी के मोहम्मद दिलावर के अनुसार शुरुआती दस-पंद्रह दिनों में गौरैया के बच्चों का भोजन सिर्फ कीड़े-मकोड़े ही होते हैं, लेकिन आजकल लोग खेतों से लेकर अपने गमले के पेड़-पौधों में भी रासायनिक पदार्थ का उपयोग करते हैं। जिससे न तो पौधों को कीड़े लगते हैं और न ही इस पक्षी काे समुचित भोजन मिल पाता है। आधुनिक घरों का निर्माण ऐसा होता है जिसमें उन्हें घोंसला बनाने की जगह नहीं मिलती है। इसके साथ ही अनाज की घरेलू स्तर पर साफ-सफाई जैसे कार्यों के कम होने का भी असर गौरैया की संख्या पर पड़ रहा है।

पासेराडेई परिवार की सदस्य
गौरैया पासेराडेई परिवार की सदस्य है, लेकिन कुछ लोग इसे "वीवर फिंच' परिवार की सदस्य मानते हैं। इनकी लम्बाई 14 से 16 सेंटीमीटर होती है तथा इनका वजन 25 से 32 ग्राम तक होता है। एक समय में इसके कम से कम तीन अंडे होते हैं। गौरैया अधिकतर झुंड में ही रहती है। भोजन तलाशने के लिए गौरैया का एक झुंड अधिकतर दो मील की दूरी तय करता है। यह पक्षी कूड़े में भी अपना भोजन खोज लेते हैं।

करने होंगे ये उपाय
-घरों में कुछ ऐसे स्थान उपलब्ध कराने चाहिए, जहां वे आसानी से अपने घोंसले बना सकें। इसके लिए आप अपने घर में वेंटिलेटर का डिजाइन बनवाएं। जहां वे घोंसला बना सकें।
-घोंसले में गौरैया द्वारा दिए गए अंडे व बच्चे को हमलावर पक्षियों से बचाने की जरूरत है। 
-घरों के बालकनी, बगीचे में बर्ड नेस्ट व फीडर लगाएं, गर्मी के मौसम में दाना और पानी की व्यवस्था करें।
 

Created On :   20 March 2019 8:04 AM GMT

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