सोनिया-राज ठाकरे मुलाकात में पवार की खास भूमिका !

Special role of sharad pawar in Sonia-Raj Thackerays meeting !
सोनिया-राज ठाकरे मुलाकात में पवार की खास भूमिका !
सोनिया-राज ठाकरे मुलाकात में पवार की खास भूमिका !

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे और कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी के बीच हुई मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन आघाड़ी में मनसे के शामिल होने की संभावना को बल मिला है। जानकार बताते हैं कि राज ठाकरे और सोनिया गांधी के बीच बैठक पूर्व नियोजित नहीं थी और यह बैठक अचानक तय कराई गई थी। विशेष यह कि इस मुलाकात में राकांपा सुप्रीमों शरद पवार की अहम भूमिका मानी जा रही है। 

मनसे को गठबंधन में लाना चाहते हैं पवार  

अब तक दिल्ली से दूरी बनाने वाले राज ठाकरे के मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने के बहाने अनायास राजधानी पहुंचने और फिर सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात पर भाजपा और शिवसेना की भी पैनी नजर है। राज ठाकरे की सोनिया के साथ हुई बैठक इसलिए विशेष मायने रखती है क्योंकि महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के कई नेता राज को अपने गठबंधन में लाने के खिलाफ हैं। लेकिन इस मामले में शरद पवार की राय अलग है। पवार चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना से मुकाबले के लिए मनसे को गठबंधन में शामिल किया जाए। सूत्र बताते हैं कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं की मुखालफत को फुस्स करने के मकसद से ही पवार की पहल पर आनन-फानन में कल राज और सोनिया की मुलाकात कराई गई है। मनसे का मानना है कि सीधे सोनिया के संपर्क में आने के बाद उसे लेकर प्रदेश कांग्रेस का विरोध खास मायने नहीं रखेगा।

राज को लेकर चह्वाण-निरूपम का रहा है विरोध

इस मुलाकात के बाद भले ही मनसे के आघाड़ी में आने की संभावना बढ़ गई है, परंतु महाराष्ट्र की राजनीति में राज ठाकरे की लगातार कम होती अहमियत के मद्देनजर कांग्रेस के कुछ नेता इसे ठीक नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि उत्तरभारतीय विरोधी मानसिकता वाली मनसे को साथ लाने के बाद फायदा कम, नुकसान ज्यादा झेलना पड़ सकता है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण और संजय निरूपम ने राज ठाकरे को साथ लाने का खुलकर विरोध किया था। 

Created On :   9 July 2019 3:22 PM GMT

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