बंद कमरें में धूल फांक रही लाखों की खेल सामग्री, नहीं मिल पा रहा है ग्रामीण प्रतिभाओं का लाभ

Sports and Youth Welfare Department provide material in anuppur
बंद कमरें में धूल फांक रही लाखों की खेल सामग्री, नहीं मिल पा रहा है ग्रामीण प्रतिभाओं का लाभ
बंद कमरें में धूल फांक रही लाखों की खेल सामग्री, नहीं मिल पा रहा है ग्रामीण प्रतिभाओं का लाभ

डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा पायका योजना के तहत विद्यालयों को खेल सामग्री का वितरण किया गया था जो कि विभागीय देख रेख की वजह से अब विद्यालय के बंद कमरों  में धूल फांक रहे हैं। ज्यादातर विद्यालयों में बांटे गए खेल सामग्रियों की यह हालत है। वहीं कई स्थानों पर ग्राम पंचायत के द्वारा इन खेल सामग्रियों को अब तक युवाओं व बच्चों को उपलब्ध ही नहीं कराया गया। जिस वजह से ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को निखरने का अवसर नहीं मिल रहा है।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा वर्ष 2008 से 11 के मध्य  जिले के 95 ग्राम पंचायतों में स्थित हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल, माध्यमिक  व प्राथमिक विद्यालयों को लाखों रुपए की लागत से ख्ेाल सामग्री का वितरण 3 वर्ष की अवधि में किया गया था योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित खेल प्रतिभाओं को खेल संसाधन उपलब्ध कराते हुए उनकी प्रतिभा को निखारने का था लेकिन विद्यालय प्रबंधन के द्वारा इन खेल सामग्रियों को प्राप्त करने के बाद कमरों में बंद कर दिया गया। जिसकी वजह से यह खेल सामग्री विद्यालयों के पास तो है लेकिन इसका उपयोग बच्चों को करने के लिए नहीं मिल रहा है।

प्रशिक्षक के अभाव में लगा ताला -
खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा इस योजना के अंतर्गत अनूपपुर विकासखंड के 19, जैतहरी विकासखंड के 26, कोतमा विकासखंड के 14  तथा पुष्पराजगढ़ विकासखंड के 36 विद्यालयों में खेल सामग्रियों का वितरण किया गया था लेकिन विद्यालयों में खेल प्रशिक्षक उपलब्ध न होने तथा ख्ेाल गतिविधि के लिए कोई कार्य योजना नहीं होने की वजह से जिले के सभी विद्यालयों में यह ख्ेाल सामग्रियां धूल फांक रही हैं। 

इन सामग्रियों का किया था वितरण- 
खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा वर्ष 2008 से 11 के मध्य  3 चरण में इन खेल सामग्रियों का वितरण किया गया था जिनमें जिम, बालीवाल पोल, फुटबाल पोल, खोखो पोल, हाई जम्पवार, फुटबाल, तवा तथा गोला वितरित किया गया था। लाखों रुपए की लागत से वितरित किए गए यह खेल सामग्री अब ग्रामीण छात्र-छात्राओं के लिए सिर्फ सो पीस बनकर रह गई है। 

विभाग नहीं दे रहा ध्यान- 
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्र-छात्राओं के लिए खेलकूद के लिए शहरी क्षेत्र की तरह माहौल व आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं जिसे देखते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा पायका योजना के तहत ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए खेल सामग्री दी गई थी लेकिन विद्यालय प्रबंधन व ग्राम पंचायतों की लापरवाही से इनका लाभ प्राप्त करने से ग्रामीण विद्यार्थी व युवा वंचित हो रहे हैं जिस पर संबंधित विभाग का रवैय्या उदासीन बना हुआ है। 

इनका कहना है-
मामले की जानकारी आपसे मिली है जल्द ही संबंधित विद्यालयों से इस संबंध में जानकारी लेते हुए खेल सामग्रियां उपयोग किए जाने के निर्देश दिए जाएंगे। 
यूके बघेल, जिला शिक्षाधिकारी अनूपपुर

Created On :   29 July 2018 1:08 PM GMT

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