श्रीलंकन राष्ट्रपति सिरीसेना नें भंग की संसद, 5 जनवरी को होंगे चुनाव

Sri Lanka President Maithripala Sirisena dissolves Parliament
श्रीलंकन राष्ट्रपति सिरीसेना नें भंग की संसद, 5 जनवरी को होंगे चुनाव
श्रीलंकन राष्ट्रपति सिरीसेना नें भंग की संसद, 5 जनवरी को होंगे चुनाव
हाईलाइट
  • राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने 225 सदस्यीय संसद को भंग कर दिया है।
  • राजनीतिक गतिरोध होने की वजह से श्रीलंका में अब तयशुदा कार्यक्रम से दो साल पहले ही चुनाव कराने पड़ेंगे।
  • श्रीलंका में इन दिनों सियासी उथल-पुथल मची हुई है।

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका में इन दिनों सियासी उथल-पुथल मची हुई है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे को पीएम पद की शपथ दिलाई थी, लेकिन अब मैत्रिपाला सिरीसेना ने 225 सदस्यीय संसद को भंग कर दिया है। राजनीतिक गतिरोध होने की वजह से श्रीलंका में अब तयशुदा कार्यक्रम से दो साल पहले ही चुनाव कराने पड़ेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीलंका में ये चुनाव 5 जनवरी को होंगे, इसके लिए 19 नवंबर से 26 नवंबर के बीच नामांकन होंगे। 17 जनवरी को नई संसद आयोजित होगी।

महिंदा राजपक्षे संसद में बहुमत के जादुई आंकड़े 113 से दूर थे। ‘यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम एलायंस‘ (यूपीएफए) के प्रवक्ता केहेलिया रम्बुकवेला ने राजपक्षे का समर्थन करने वाले सांसदों की कुल संख्या बताए बिना पत्रकारों से कहा था, ‘अभी हमें 105 से 106 सांसदों का समर्थन हासिल है।’ बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर होने की वजह से ही सिरीसेना ने संसद को भंग करने का फैसला किया है। कुछ दिन पहले एक जनसभा में सिरीसेना ने दावा किया था कि उन्हें 225 सदस्यीय सदन में 113 सांसदों का समर्थन हासिल है।

इससे पहले सिरीसेना ने 16 नवंबर तक संसद को निलंबित कर दिया था। हालांकि 1 नवंबर को उन्होंने कड़ी आलोचना के बाद इस सस्पेंशन को हटा लिया था। राजनीतिक एक्सपर्ट्स ने संसद को सस्पेंशन को बहुमत जुटाने की कोशिश बताया था। संसद के स्पीकर ने कहा  था कि संसद को निलंबित करने का फैसला स्पीकर के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए।जयसूर्या ने कहा, "16 नवंबर तक संसद भंग रखने से हमारे देश को गंभीर एवं अवांछनीय परिणाम भुगतने होंगे और मैं आपसे विनम्र आग्रह करता हूं कि इस पर फिर से विचार करें।"

बता दें कि श्रीलंका में नाटकीय घटनाक्रम के बाद पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। राजपक्षे के शपथ ग्रहण समारोह में प्रेसिडेंट मैत्रिपाला सिरीसेना और कई अन्य विपक्षी नेता मौजूद रहे थे। श्रीलंका की राजनीति में अचानक इस तरह का बदलाव इसलिए आया था क्योंकि सिरीसेना की पार्टी यूनाइटेड पीपल्स फ्रीडम (UPFA) ने पूर्व प्रधानमंत्री रणिल विक्रमेसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के साथ गठबंधन तोड़ लिया था।

विक्रमेसिंघे सरकार का गठन 2015 में हुआ था जब सिरीसेना के समर्थन के साथ वह प्रधानमंत्री बने थे। विक्रमेसिंघे के पीएम बनते ही महिंद्र राजपक्षे का लगभग एक दशक से चला आ रहा शासन समाप्त हुआ था।

Created On :   9 Nov 2018 7:09 PM GMT

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