सृष्टि ने तीसरी बार गिनीज बुक में दर्ज कराया अपना नाम, बनाई हैट्रिक

Srishti recorded her name for the third time in Guinness Book, created history
सृष्टि ने तीसरी बार गिनीज बुक में दर्ज कराया अपना नाम, बनाई हैट्रिक
सृष्टि ने तीसरी बार गिनीज बुक में दर्ज कराया अपना नाम, बनाई हैट्रिक

डिजिटल डेस्क, नागपुर | ‘बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश देते हुए वेकोलि, उमरेड निवासी 13 वर्षीय सृष्टि शर्मा ने तीसरी बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया। इसके साथ ही उसे दुनिया की पहली आइस लिम्बो स्केटर बनने का गौरव हासिल किया है।सृष्टि 28 दिसंबर 2018 को आई स्केट एंबियंस मॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में लोवेस्ट लिम्बो आइस स्केटिंग ओवर 10 मीटर में कैटेगरी में अपना अभियान शुरू किया।सृष्टि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की ओर से 20 सेंमी. के नीचे का लक्ष्य दिया गया था, जिसे उसने अपने पहले प्रयास में ही 19.5 सेंमी. की हाइट को पार कर अपने नाम किया। अपने रिकार्ड में सुधार करने के लिए सृष्टि ने दूसरा प्रयास करने का फैसला लिया। दूसरे प्रयास में सृष्टि ने 17.78 सेंमी की हाइट पार करके तीसरी बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। 

दो पहले प्रशिक्षण लिया पर लक्ष्य से चूकी 
इससे पहले सृष्टि ने साल 2016 में तकरीबन 40 दिन गुड़गांव में रहकर आइस स्केट एंबियंस मॉल में आइस लिम्बो स्केटिंग का प्रशिक्षण लिया। 9 सितंबर 2016 को फिगर स्केट से रिकार्ड बनाने का प्रयास किया, लेकिन 20 सेंमी के हाइट नीचे निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई। सृष्टि 30 सेंमी हाइट ही पार कर पाई थी। चूंकि फिंगर स्केट की मोटाई 3 एमएम होती है, पैरों के एंगल की सेफ्टी के लिए उसकी एंगल से शूज 2 इंच ऊंचा होता है। इस तकनीकी कारण की वजह से फिंगर स्केट या कोई भी सिंगल ब्लेड आइस स्केट से लिम्बो स्केटिंग नहीं किया जा सकता है। 

पिता ने बेटी के लिए तैयार किए स्केट 
सृष्टि ने हार नहीं मानी और दोबारा यह रिकार्ड बनाने का प्रयास किया। विदेश से विशेष तौर पर डबल ब्लेड आइस स्केट मंगवाया गया, परंतु वह सफल नहीं हो पाई क्योंकि ब्लेड की मोटाई मात्र 1 एमएम की थी, जो बर्फ में फंस रही थी। उसके बाद सृष्टि के पिता ने यह निर्णय लिया कि वह यह स्केट खुद ही बनाएंगे और फिर 3 एमए ब्लेड का उन्होंने स्केट बनाया गया। उस स्केट से सृष्टि ने तकरीबन 15 आइस स्केट एंबियंस मॉल गुडगाव में प्रशिक्षण लेते हुए और 28 सितंबर 2017 को रिकार्ड बनाकर इतिहास रच डाला। 

Created On :   5 Jun 2018 8:52 AM GMT

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