460 सालों से जीवित है इस संत का शव, गोवा की चर्च में रखा

460 सालों से जीवित है इस संत का शव, गोवा की चर्च में रखा

 

डिजिटल डेस्क, गोवा। ओल्ड गोवा के बेसिलिका ऑव बोम जीसस चर्च में एक शव रखा हुआ है वह भी 460 सालों से। इस पर ममी की तरह किसी भी तरह का कोई लेप नही लगाया गया। किसी तरह की आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल नही किया गया फिर भी ये एकदम तरोताजा है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कैसे संभव है। 

 

दरअसल, यह शव या शरीर संत फ्रांसिस जेवियर का है। यह एकदम सामान्य रूप से ही रखा हुआ है। इसमें किसी तरह की सड़न नही आई और न ही ये बदबू मारता है। वैज्ञानिक भी इस मामले में अपने तर्क लगाकर फेल हो गए। कई तरह की थ्योरी सामने आई लेकिन इनका कोई खास हल नही निकल सका। क्योंकि संत का शरीर इतने सालों बाद भी कैसे इतना ताजा है ये समझना मुश्किल है। 

 

Interior of Basilica of Bom Jesus - Old Goa

 

राजघराने में हुआ था जन्म

बताया जाता है कि जिस संत का ये शव है उनका जन्म स्पेन के एक राजघराने में हुआ था और उनका वास्तविक नाम फ्रांसिस्को द जेवियर जासूस था लेकिन बाद में उन्होंने घर त्याग दिया और कैथोलिक धर्म का प्रचार का निर्णय लिया। इसके बाद उनका नाम पड़ा संत फ्रांसिस। उनके पास अलौकिक एवं चमत्कारी शक्तियां भी थीं जिन्होंने उन्हें फेमस कर दिया। 

 

मलक्का ले गए मृत शरीर 

पणजी से दस किलोमीर दूर ओल्ड गोवा से उनका खास लगाव था। उन्होंने उसे ही अपनी शरण स्थली बनाया। धर्म का प्रचार करते हुए संत की मृत्यु  1552 को सांकियान द्वीप चीन में हो गई। उनके फाॅलोअर्स ने संत के मृत शरीर को कॉफिन में रखा और उसे मलक्का ले गए। 

 

4 माह बाद सभी इसे देखकर आश्चर्य में पड़ गए

संत का प्रचार यहीं नहीं रुका बताया जाता है कि अंतिम संस्कार के करीब 4 माह बाद उनके एक शिष्य ने श्रद्धा सुमन अर्पित करने जब संत का ताबूत खोला तो शरीर वैसे का वैसा ही था। एकदम ताजा, सभी इसे देखकर आश्चर्य में पड़ गए। इसे एक दैविय चमत्कार और संत के मृत्यु के बाद भी उपस्थित होना माना गया और वे संत के मृत शरीर को उनकी कर्मस्थली गोवा ले आए। संत का मृत शरीर वेसिलिका हॉल के खुले प्लेटफॉर्म पर आम लोगों के दर्शन के लिए रखा जाता है। 

Created On :   8 Dec 2017 6:21 AM GMT

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