80 लाख की धोखाधड़ी में पुलिस की भी हिस्सेदारी

Stake of the police In the case of fraud of 80 lakh in jabalpur
80 लाख की धोखाधड़ी में पुलिस की भी हिस्सेदारी
80 लाख की धोखाधड़ी में पुलिस की भी हिस्सेदारी

डिजिटल डेस्कजबलपुर। 80 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोपी कागजों में तो फरार है लेकिन असल जिदंगी में न तो उसे अंडर ग्राउण्ड होने की जरूरत पड़ी है और न ही घबराने की। अब तक के गणित और सूत्रों के हवाले से साफ जाहिर हो चुका है कि पुलिस और आरोपी के रिश्ते पहले से ही काफी घनिष्ठ रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि 80 लाख की धोखाधड़ी का एक बड़ा हिस्सा पुलिस को भी पहुंचाया गया है। तकरीबन एक करोड़ की रकम का हेरफेर करने वाला आरोपी कितने दिनों तक पुलिस से बच सकता है? छोटी-मोटी वारदातों के मामले में फर्राटा दिखाने वाली पुलिस इस बड़े फर्जीवाड़े में हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी है?।

खदान के मामले में धोखाधड़ी करने के प्रकरण में इस तरह के और भी कई सवाल हैं जिनका कोई जबाव है ही नहीं। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि आरोपी एपीआर कॉलोनी कटंगा निवासी नीरज श्रीवास्तव का पहले से ही पुलिस अधिकारियों के साथ उठना बैठना रहा है। आरोपी को बचाने के लिए पुलिस अधिकारी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। प्रकरण के बाद भी साथ-साथ- पुलिस और आरोपी के करीबी रिश्तों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रकरण दर्ज होने के बाद भी आरोपी की थाने में मौजूदगी देखी गई। सूत्रों का कहना है कि पिछले तकरीबन एक माह के अंतराल में पुलिस अधिकारियों के साथ आरोपी की तीन मीटिंग भी हो चुकी है। 

यह है पूरा मामला 
मेसर्स एसएस इंटरप्राइजेस के नीरज श्रीवास्तव को गोसलपुर तहसील सिहोरा की खसरा क्रमांक 115, 160, 123, 151 की कुल 39.440 हैक्टेयर क्षेत्र में खनिज निकालने मप्र शासन ने वर्ष 2007 में लीज दी थी। जो वर्ष 2027 तक के लिये है। नीरज ने इस खदान में हिस्सेदार बनाने का झाांसा देकर प्रतीक जैन से 80 लाख रुपए हड़प लिये। पैसा प्रतीक ने आरटीजीएस किया, जिसका भी रिकॉर्ड है। जब जानकारी ली तो पता चला कि बिना शासन के आदेश के कोई भी लीज में हिस्सेदार नहीं बना सकता। प्रतीक ने जब मामले में नीरज से संपर्क किया तो वह पैसे देने और कोई भी हिस्सेदारी  देने के लिये आनाकानी करने लगा। प्रतीक ने तब थक-हारकर गोरखपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने नीरज श्रीवास्तव के खिलाफ धारा 420, 406, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।  नीरज श्रीवास्तव की अग्रिम जमानत खारिज भी हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद वो खुलेआम घूम रहा है। 

इनका कहना है 
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, लेकिन मैंने एफआईआर अभी देखी नहीं है, जमानत खारिज होने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही, इसको जल्द ही चेक करवाता हूं।  
शशिकांत शुक्ला, एसपी 

 

Created On :   16 May 2018 11:31 AM GMT

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