एमपी के सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता, जिले के 26 स्कूल बंद होने की कगार पर

state government schools are crispy, 527 schools closed on verge of closure
एमपी के सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता, जिले के 26 स्कूल बंद होने की कगार पर
एमपी के सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता, जिले के 26 स्कूल बंद होने की कगार पर

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। शासन की लचर प्रणाली कहें या फिर अनदेखी, जिसके चलते शासकीय स्कूलों से अभिभावकों का मोहभंग होते जा रहा है। एक तरफ जहां प्राइवेट स्कूलों में संख्या बढ़ रहीं हैं, तो वहीं दूसरी तरफ शासकीय स्कूलों में जहां शिक्षक हैं, वहां भी बच्चों की संख्या शून्य होती जा रही हैं।

छिंदवाड़ा जिले में ऐसी 26 शासकीय प्राथमिक शाला हैं, जहां पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक है, विद्यार्थियों के लिए सर्व-सुविधायुक्त शाला भवन और शासन की ओर से मिलने वाली तमाम सुविधाएं हैं, इसके बावजूद इन स्कूलों में पढ़ने के लिए एक भी बच्चा नहीं पहुंच रहा हैं। स्कूल के हालात यह हो गए है कि अब इन स्कूलों में ताला लग गया है और यहां पढ़ाने वाले शिक्षक और अन्य स्टॉफ को दूसरे स्कूलों में अटैच कर दिया गया है। विभागीय आला अधिकारियों की माने तो यह हाल अकेले छिंदवाड़ा जिले का नहीं है, पूरे प्रदेश के 47 जिलों के 527 स्कूलों के ऐसे हालात होने के कारण, इन्हें बंद किया जा रहा है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने ऐसे 24 स्कूलों की सूची जारी कर इन स्कूलों में शासन की ओर से मिलने वाली सारी सुविधाओं को नहीं देने के लिए जिला परियोजना समन्वयक को पत्र लिखा है। 

कम हुई संख्या नहीं दिया ध्यान 

प्राथमिक शाला कक्षा पहली से पांचवी तक इन स्कूलों में शासन की ओर से मिलने वाली तमाम सुविधाएं अच्छे शाला भवन और पढ़ाने के लिए शिक्षक होने के बावजूद यहां पढ़ने के लिए बच्चें रूचि नहीं ले रहे है। हालात यह है कि हर साल धीरे-धीरे इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम होती गई, लेकिन जिम्मदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण इस वर्ष संख्या 0 में पहुंच गई।

इन स्कूलों को किया बंद 

तामिया - प्राथमिक शाला राजोखापा, प्राथमिक शाला पिपरझेला, प्राथमिक शाला डोरियापाठा
अमरवाड़ा- प्राथमिक शाला पन्द्रामढाना, प्राथमिक शाला सकरुटोला
छिंदवाड़ा- प्राथमिक शाला बिजलीटोला सर्रा, प्राथमिक शाला मीराबाई बरारीपुरा, प्राथमिक शाला देवर्धा, प्राथमिक शाला मेन बोर्ड, प्राथमिक शाला नई आबादी चौरसा, प्राथमिक शाला खालुस टोला, प्राथमिक शाला चारगांव भट्ट
बिछुआ- प्राथमिक शाला पथराकला, प्राथमिक शाला चौपान पठार, प्राथमिक शाला भुतांग  सावंगी, प्राथमिक शाला तलपठारा
जुन्नारदेव- प्राथमिक शाला पठारढाना, प्राथमिक शाला जुन्नारदेव, प्राथमिक शाला भीनसाई ढाना, 
चौरई- प्राथमिक शाला मढक़ाटोला यूईजीएस, प्राथमिक शाला पखडिय़ा, प्राथमिक शाला चांदढाना
मोहखेड़- प्राथमिक शाला तिनकुई, प्राथमिक शाला उर्दू मोहखेड़
पांढुर्णा- प्राथमिक शाला उर्दू तिगांव
हर्रई- प्राथमिक शाला भिलमाढाना 

शासन ने दिया एक और मौका

राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक लोकेश कुमार जाटव ने जिला परियोजना समन्वयक को आदेश जारी करते हुए इन बंद स्कूलों के सत्यापन का एक और मौका दिया है। यानि इस सत्र में भी इन स्कूलों में दर्ज संख्या शून्य का आंकड़ा पार करती है तो इन स्कूलों में गणवेश, पुस्तक सहित अन्य सुविधाएं जारी हो सकेगी। इसके लिए 31 जुलाई 2017 तक का अंतिम मौका दिया गया है यदि इन स्कूलों में दर्ज संख्या बढ़ जाती है तो इन स्कूलों को दोबारा मौका मिल सकेगा। 

बंद होने के यह कारण आए सामने 

शिक्षा अधिकारियों की माने तो स्कूल बंद होने का प्रमुख कारण, इन स्कूलों के आस-पास निजी स्कूलों का खुलना बताया गया है। साथ ही इन स्कूलों में एडमिशन के लिए स्कूल चले हम अभियान के अंतर्गत प्रवेशोत्सव मनाते हुए शिक्षकों के प्रयास को भी बताने के बावजूद एडमिशन नहीं होना बताया है। 
 

Created On :   29 July 2017 6:22 PM GMT

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