आदिवासी आश्रमशालाओं में मिलेगा सुगंधित दुध, ग्राम पंचायतों के लिए भवन बनाएगी सरकार

state Government will proved scented milk to Tribal students
आदिवासी आश्रमशालाओं में मिलेगा सुगंधित दुध, ग्राम पंचायतों के लिए भवन बनाएगी सरकार
आदिवासी आश्रमशालाओं में मिलेगा सुगंधित दुध, ग्राम पंचायतों के लिए भवन बनाएगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के आदिवासी आश्रमशाला में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आगामी मार्च महीने से सुगंधित दूध पीने को मिलेगा। विद्यार्थियों को टेट्रा पैक में 200 मिली दूध उपलब्ध कराया जाएगा। बुधवार को प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सवरा ने यह जानकारी दी। सवरा ने कहा कि 1 मार्च 2018 से पूरे राज्य में इस फैसले को लागू करने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि दूध आपूर्ति महानंद सहकारी दुग्ध संस्था करेगी। बच्चे जिस स्कूल में पढ़ रहे होंगे उन्हें उसी स्कूल में दूध दिया जाएगा। सावरा ने कहा कि पालघर से गडचिरोली तक सुदूर इलाकों तक में पढ़ने वाले आदिवासी बच्चों को पैकट बंद दूध मिलेगा। टेट्रा पैक बंद दूध दो महीने तक खराब नहीं होता और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इससे पहले विधान परिषद सदस्य श्रीकांत देशपांडे ने सुगंधित दूध उपलब्ध कराने की मांग की थी। जिसके बाद मंत्रालय में मंत्री सावरा, आदिवासी विकास विभाग की प्रधान सचिव मनीषा वर्मा और महानंद के अधिकारियों की बैठक हुई। 


ग्राम पंचायतों के लिए भवन बनाएगी सरकार

इसके अलावा अब तक जिन ग्राम पंचायतों के पास खुद का कार्यालय नहीं है ऐसे ग्राम पंचायतों में कार्यालय बनाए जाएंगे। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने कार्यालय बनाने के लिए बालासाहेब ठाकरे स्मृति मातोश्री ग्रामपंचायत निर्माण योजना शुरू करने को मंजूरी दी। राज्य में 28 हजार 332 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से 4 हजार 252 ग्राम पंचायतों के पास अपना खुद का कार्यालय नहीं है। सरकार के फैसले से अब इन ग्राम पंचायतों में कार्यालय बन सकेगा। मंत्रालय में प्रदेश की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने यह जानकारी दी। पंकजा ने बताया कि योजना के अनुसार 1000 से कम जनसंख्या वाले ग्राम पंचायतों को कार्यालय बनाने के लिए 12 लाख रुपए दिए जाएंगे। 1000 से 2000 जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों को 18 लाख रुपए कि निधि मंजूर की जाएगी। जिसमें 90 प्रतिशत राशि राज्य सरकार की तरफ से दी जाएगी। बाकी 10 प्रतिशत राशि ग्राम पंचायतों को देना होगा। ग्राम पंचायतों को पीपीपी मॉडल के तहत कार्यालय के लिए इमारत बनाने की अनुमति होगी। 2000 से अधिक जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतें अपनी निधि अथवा पीपीपी मॉडल पर इमारत बना सकती हैं। 


एक हजार ग्राम पंचायतों में कार्यालय बनेंगे

पंकजा ने बताया कि पहले चरण में एक हजार से ज्यादा जनसंख्या वाले एक हजार ग्राम पंचायतों में कार्यालय बनाए जाएंगे। योजना के लिए साल 2017-18 के लिए 25 करोड़ रुपए निधि खर्च करने की मान्यता दी गई है। ग्राम पंचायतों को बालासाहब ठाकरे स्मृति मातोश्री ग्रामपंचायत निर्माण योजना या फिर पीपीपी मॉडल पर कार्यालय बनाने के लिए ग्रामसभा से प्रस्ताव मंजूर करना आवश्यक है। 1000 से 2000 जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों को कार्यालय बनाने के लिए कम से कम दो बार पीपीपी मॉडल के लिए प्रयास करना पड़ेगा। यदि पीपीपी मॉडल को प्रतिसाद नहीं मिला तो योजना के तहत इमारत के लिए निधि मंजूर की जाएगी। 
 

Created On :   17 Jan 2018 1:57 PM GMT

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