चव्हाण बोले- मराठा आरक्षण को लेकर भ्रम की स्थिति, फडणवीस का पलटवार- समाज में नफरत फैलाना चाहता है विपक्ष

Status of confusion on Maratha reservation : Prithviraj Chavan
चव्हाण बोले- मराठा आरक्षण को लेकर भ्रम की स्थिति, फडणवीस का पलटवार- समाज में नफरत फैलाना चाहता है विपक्ष
चव्हाण बोले- मराठा आरक्षण को लेकर भ्रम की स्थिति, फडणवीस का पलटवार- समाज में नफरत फैलाना चाहता है विपक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने राज्य पिछड़ा आयोग अधिनियम की धारा 14,15 का हवाला देते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सदन में पेश करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। चव्हाण ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुवाद में हुए भ्रम का फायदा उठा रहे हैं। उऩ्होंने कहा कि आयोग के अधिनियम में अंग्रेजी में वार्षिक रिपोर्ट कहा गया है जबकि मराठी में अहवाल शब्द का उल्लेख है। चव्हाण ने कहा कि हाईकोर्ट ने पिछली आघाड़ी सरकार के समय मराठा समाज के आरक्षण के लिए निकाले गए अध्यादेश को स्थगित कर दिया था और अपने फैसले में कहा था राणे समिति की रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा जाना चाहिए था। 

विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री का जवाबी हमला

उधर मराठा और धनगर आरक्षण से जुड़ी रिपोर्ट सदन में पेश करने की मांग कर रहे विपक्ष पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जोरदार हमला बोला। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के मन में खोट है। वह समाज में नफरत फैलाना चाहता है और जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है। विपक्षी सदस्यों के हंगामें के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आरक्षण देने के लिए वचनबद्ध हैं और शीतकालीन सत्र के दौरान ही विधेयक और एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) और विधेयक लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कहा कि मराठा और धनगर आरक्षण के लिए पहले से मौजूद 52 फीसदी आरक्षण से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।

नियमों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कानून के मुताबिक कार्रवाई कर रही है। इससे पहले पिछड़ा वर्ग आयोग की 51 रिपोर्ट आ चुकी हैं लेकिन उनमें से एक भी सदन में पेश नहीं हुई है। फिर इस बार विपक्ष ऐसी मांग क्यों कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फिलहाल 50 नहीं बल्कि 52 फीसदी आरक्षण है। लेकिन मराठा और धनगर समाज को इसके अतिरिक्त आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धनगर आरक्षण से जुड़ी टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। इस पर भी सरकार सही समय पर एटीआर और विधेयक लाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है और राजनीति का जवाब हम राजनीति से ही देंगे।

वोट बैंक की तरह मुस्लिम समाज का इस्तेमाल करता है विपक्ष

मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर भी विपक्ष पर निशाना साधा। फडणवीस ने आरोप लगाया कि विपक्ष मुसलमानों का इस्तेमाल वोट बैंक की तरह कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की पिछड़ी जातियों को ओबीसी के तहत लाभ पिछली युति सरकार के कार्यकाल में दिया गया था। 5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत ने शिक्षा में आरक्षण रद्द नहीं किया लेकिन मामले पर अभी फैसला नहीं आया है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए हमने मुसलमानों को स्कॉलरशिप दी। हम मुस्लिम समाज के साथ खड़े हैं। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि अगर विपक्ष मुसलमानों का हितैशी है तो उसने रंगनाथन, सच्चर कमेटी और महमूद रहमान कमेटी की रिपोर्ट क्यों लागू नहीं की।  

जारी रहा विपक्ष का विरोध 

विपक्षी सदस्यों ने आरक्षण से जुड़ी रिपोर्ट सदन में पेश करने की मांग करते हुए मंगलवार को भी हंगामा करते रहे। इसके चलते विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। प्रश्नकाल शुरू होते ही विधानसभा में कांग्रेस पार्टी विधायक दल के उपनेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि गतिरोध खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री और गटनेताओं की बैठक चल रही है। जब तक यह खत्म नहीं होती कार्यवाही स्थगित रखी जानी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही पहले 10 मिनट और फिर सवा 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

कार्यवाही शुरू होने के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने कहा कि रिपोर्ट में क्या है हम देखना चाहते हैं। सरकार खुशी मनाने को कह रही है लेकिन वह नहीं बता रही है कि क्या वह इस बार हमारे दिए गए 16 फीसदी आरक्षण से ज्यादा आरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के मन में पाप है इसीलिए रिपोर्ट नहीं एटीआर पेश करने की बात कर रही है। राकांपा के अजित पवार ने कहा कि हमने जो आरक्षण दिया था वह कोर्ट में इसलिए नहीं टिका क्योंकि वह पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट की जगह राणे समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिया गया था। इस बार कोई परेशानी न हो इसलिए सबको पता चलना चाहिए कि रिपोर्ट में क्या है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को शिक्षा में आरक्षण देने पर हाईकोर्ट ने रोक नहीं लगाई थी। इसलिए आरक्षण दिया जाना चाहिए।

नौ विधेयक और पूरक मांगे पारित

विपक्ष के सदस्य वेल में बैठ गए जबकि कुछ हंगामा करते रहे। इसी बीच विधानसभा में नौ विधेयक और नगर विकास विभाग व जलसंसाधन विभाग की पूरक मांगे ध्वनिमत से स्वीकार कर ली। अजित पवार ने इस पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि लगता है कि सरकार किसी तरह कामकाज निपटा लेना चाहती है। सत्ताधारी दल के विधायक भी अहम विधेयकों पर चर्चा न होने से परेशान हैं। विपक्ष के विरोध के बावजूद कामकाज जारी रहा तो विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा का बहिष्कार कर दिया।

Created On :   27 Nov 2018 12:56 PM GMT

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