हाईकोर्ट का 25 रेत घाटों के आवंटन प्रक्रिया पर स्टे

Stay on the process of allocation of 25 sand ghats by the High Court
हाईकोर्ट का 25 रेत घाटों के आवंटन प्रक्रिया पर स्टे
हाईकोर्ट का 25 रेत घाटों के आवंटन प्रक्रिया पर स्टे

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  रेतघाटों के आवंटन को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए नागपुर जिले के सावनेर, पारशिवनी, कामठी, नरखेड़, कुही समेत 25 रेत घाटों की आवंटन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। जिलाधिकारी ने 5 मार्च को अधिसूचना जारी कर इस प्रक्रिया की घोषणा की थी। 

ग्राम पंचायतों ने दायर की थी याचिका
जिले की उमरी ग्राम पंचायत की सरपंच ज्योति चालफे सहित तीन ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस नीलामी प्रक्रिया को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी है कि पिछले वर्ष बारिश पर्याप्त नहीं होने से नागपुर जिले में पानी की कमी है। नदियों के किनारे पर्याप्त मात्रा में रेत नहीं है। हाईकोर्ट ने भी इस समस्या पर अपने आदेश जारी किए थे। सरकार ने भी जीआर जारी करके खनन प्रक्रिया में पर्यावरण संरक्षण के प्रबंध सुझाए थे। नागपुर में प्रस्तावित इस नीलामी प्रक्रिया में न तो हाईकोर्ट और न ही सरकार की अधिसूचना का पालन किया गया। कोर्ट ने इस मामले में प्रतिवादी वन व राजस्व विभाग, विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी समेत तमाम प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 26 मार्च तक जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा। 

जीआर का पालन नहीं किया
इधर सरकार ने भी 3 जनवरी को जीआर जारी करके खनन के दौरान पर्यावरण संरक्षण के दिशा-निर्देश भी जारी किए, ताकि खनन के चलते पर्यावरण को नुकसान न हो। इसके अनुसार संबंधित ग्राम पंयायतों को भी कुछ अधिकार दिए गए। याचिकाकर्ता का दावा है कि इस अधिकारी से उन्होंने सावनेर तहसीलदार को 3 मार्च को अवैध खनन से कम होती रेत और पानी की समस्या की जानकारी दी, लेकिन इसके बावजूद जिलाधिकारी  ने 5 मार्च को सावनेर, पारशिवनी, मौदा, नरखेड़, और कुही में रेत घाट की नीलामी प्रक्रिया की घोषणा कर दी। 
याचिकाकर्ता के अनुसार, इसमें अवैध खनन करने वालों और अधिकारियों की साठ-गांठ है, जिससे सरकार को राजस्व की बड़ी रकम का नुकसान झेलना पड़ रहा है। 

यह है मामला
याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने संबंधित तहसील के तहसीलदारों से बीते कुछ समय में क्षेत्र में हुई वर्षा की स्थिति की जानकारी प्राप्त की तो सामने आया कि इस वर्ष नागपुर जिले में पिछली बार की तुलना में काफी कम वर्षा हुई। इसी वजह से नागपुर जिले में आगामी ग्रीष्मकाल में पानी की कमी हो सकती है। कम वृष्टि और बीते कुछ वर्षों से कन्हान, पेंच और कोलार नदी में बाढ़ नहीं आने के कारण नदियों के किनारें बहुत कम रेत बाकी है। जिलाधिकारी ने 7 सितंबर 2017 को सावनेर, पारशिवनी, कामठी, नरखेड़, कुही सहित 25 रेती घाटों के लिए नीलामी प्रक्रिया की अधिसूचना जारी की। याचिकाकर्ता ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी तो कोर्ट ने फरवरी में जिला खनन अधिकारी को संबंधित तहसीलदारों के साथ मिलकर क्षेत्र के सर्वेक्षण के आदेश दिए और नदियों के किनारें पर्याप्त रेत है, यह सुनिश्चित करके आगामी सितंबर में नीलामी प्रक्रिया शुरू करने को कहा। आदेशानुसार 1 अक्टूबर तक रेती घाट आवंटित हो जाने चाहिए। 
 

Created On :   21 March 2018 6:35 AM GMT

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