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एक 'कोड' से पेट्रोल पंप पर चोरी
डिजिटल डेस्क,नागपुर. शहर के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल की चोरी करने में कुछ पंपों पर एक ‘कोड’ का सहारा लिया जा रहा था। यह ‘कोड’ पंप पर लगी चिप से संबंधित था, जिसको दबाने पर पेट्रोल कम निकलता था। ऐसे में जब अफसर जांच करने आते है तो सब कुछ ठीक मिलता। इसका खुलासा जांच टीम के सदस्यों ने किया।
कर्मचारियों की मिलीभगत
चिप लगाकर चोरी करने के मामले में सिर्फ डीलर ही नहीं, कर्मचारियों की भी मिलीभगत थी। इसका खुलासा उत्तर प्रदेश में पकड़े गए चिप लगाने वाले गिरोह के सदस्य ने भी किया था। उसने बताया कि चिप लगाने के बाद सबको एक कोड दिया जाता था, जो सिर्फ कर्मचारियों को ही पता होता था। कर्मचारियों को बता दिया जाता था कि चोरी करने के लिए कब कोड डालना है। रविवार को जब कोई जांच नहीं होती है या ज्यादा भीड़ होने पर इसका उपयोग आसानी से किया जाता था। पेट्रोल-डीजल की चोरी के लिए मशीन में लगाई गई फर्जी चिप असली चिप से अलग होती है, लेकिन उसे सामान्य तौर पर पहचानना मुश्किल है।
पेट्रोल पंप पर 2628 कोड मिला
गिरोह के सदस्य ने बताया कि उस कोड से तो जांच करने वाले भी चोरी नहीं पकड़ पाते हैं, क्योंकि जब वह आते हैं तो पेट्रोल बांटने वाला कर्मचारी जाकर उस चिप का जो कोड है, वह जाकर दबा देता था। शहर के एक पंप पर भी 2628 कोड मिला। कोड दबाने का काम सेकेंडों में हो जाता है। जबकि लोगों को लगता है कि वह पेट्रोल डालने के लिए ऐसा कर रहा है। इतना ही नहीं, कई मशीनों के लिए अलग से बटन दिए रहते थे जिसे एक बार दबाने पर पंप चोरी करना चालू कर देता था, जबकि दोबारा दबाने पर वह चोरी करना बंद कर देता था।
फोटो जूम कर देखने पर चोरी का खुलासा
वैध मापन विभाग के सहायक नियंत्रक एच टी बोकडे ने बताया कि यह चोरी हाईटेक तरीके से की जा रही थी, जिस वजह से उसे नहीं समझा जा सका। ‘पल्सर’ में लगाने वाली चिप में इतने मामूली बदलाव होते थे, जो सामान्य तौर पर देखे भी नहीं जा सकते। पिछले दिनों पकड़ी गई चिप में जो बदलाव थे, उसे देखने के लिए फर्जी और सही चिप के फोटो निकाले गए। जूम कर देखने पर पता चला कि दोनों अलग हैं। जांच में सामने आया है कि नागपुर में भी चिप के माध्यम से पेट्रोल चोरी की जा रही थी।
Created On :   5 July 2017 5:36 AM GMT