सेमिस्टर दर सेमिस्टर जारी है ऑप्शनल विषय में बदलाव

Students are getting changed  Elective subject selected by the students in the hall ticket
सेमिस्टर दर सेमिस्टर जारी है ऑप्शनल विषय में बदलाव
सेमिस्टर दर सेमिस्टर जारी है ऑप्शनल विषय में बदलाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी  के शीतकालीन एग्जाम जारी हैं। एग्जाम के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से जारी हॉल टिकटों में लगातार गलतियां की जा रही हैं। इसमें नाम बदलाव या फिर गलत फोटो से कहीं ज्यादा बड़ी एक गलती से कई स्टूडेंट्स परेशान हैं। हॉल टिकट में स्टूडेंट्स द्वारा चुने गए "इलेक्टिव' विषय बदल कर आ रहे हैं। ।एग्जाम के एक दिन पूर्व हॉल टिकट मिलने के कारण स्टूडेंट्स को इतना समय भी नहीं मिल रहा है कि वे एग्जाम सेंटर जाकर हाल टिकट में यूनिवर्सिटी द्वारा की गई भूल सुधार सकें। स्टूडेंट्स यदि एग्जाम सेंटर में जाकर विषय बदलवा भी आएं, तो सीनियर्स के अनुभव हैं कि पेपर में बदला विषय ही आता है और रिजल्ट में भी। ऐेसे में नागपुर यूनिवर्सिटी के विभाग और कॉलेजों में स्टूडेंटे्स को जो विषय हॉल टिकट में छप कर आ रहे हैं, उन्हीं की एग्जाम देने की सलाह दी जा रही है।  ऐसे में पूरे सेमिस्टर किसी विषय की पढ़ाई करने के बाद एन वक्त पर विषय में बदलाव होने के कारण उन्हें नया विषय पढ़ कर पेपर देने पड़ रहे हैं।

यह बताया जा रहा कारण
दरअसल, नागपुर विश्वविद्यालय के सेमिस्टर पैटर्न में चॉईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू है। पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में स्टूडेंट्स को प्रत्येक सेमिस्टर में कोर सब्जेक्ट, इलेक्टिव सब्जेक्ट और फाउंडेशन कोर्स के एक सब्जेक्ट हाेते है। कोर सब्जेक्ट तो तय होते हैं, मगर स्टूडेंट्स इलेक्टिव और फाउंडेशन कोर्स का विषय अपनी इच्छा के मुताबिक चुन सकते हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी की एक समस्या है कि उन्हें सभी विषयों के लिए पर्याप्त मूल्यांकनकर्ता नहीं मिलते। सूत्रों की मानें तो जान-बूझ कर । एग्जाम सेंटर की ओर से यह परिवर्तन किया जाता है। जिस विषय में पर्याप्त मूल्यांकनकर्ता नहीं मिलते, इसलिए उन्हें बदल कर हॉल टिकट पर वे विषय अंकित किए जा रहे हैं, जिनमें पर्याप्त मूल्यांकनकर्ता हैं। यह गलती सेमिस्टर दर सेमिस्टर जारी है। इसमें सुधार करने की यूनिवर्सिटी की ओर से कोई कोशिश नहीं की जा रही है।

कॉलेजों की ओर से गलतियां हो रही हैं
जान-बूझ कर । एग्जाम सेंटर हॉल टिकट में विषय बदल रहा है, यह आरोप गलत है। ऐसी कोई बात नहीं है, हमारे पास पर्याप्त मूल्यांकनकर्ता हैं। पिछले वर्ष मैंने स्वयं ऐसी शिकायतों की पड़ताल की थी, तो पता चला था कि कॉलेजों की ओर से एग्जाम फॉर्म में गलतियां की जा रही हैं।  चूंकि गलतियां जारी हैं, इसलिए हम इस समस्या में सुधार करेंगे।  -डॉ.प्रमोद येवले, प्र-कुलगुरु नागपुर विश्वविद्यालय

Created On :   3 Dec 2018 5:27 AM GMT

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