मिड डे मील: एक जैसा भोजन मिलने से उबे विद्यार्थी लाने लगे टिफिन

Students starts bring tiffin after got bored with mid day meal
मिड डे मील: एक जैसा भोजन मिलने से उबे विद्यार्थी लाने लगे टिफिन
मिड डे मील: एक जैसा भोजन मिलने से उबे विद्यार्थी लाने लगे टिफिन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मिड डे मिल की गुणवत्ता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। महिला बचत समूहों के माध्यम से मध्याह्न भोजन आपूर्ति को लेकर शिकायतें बढ़ने से मनपा की स्कूलों में अक्षयपात्र सेवाभावी संस्था के साथ करार किया गया। अक्षयपात्र से भोजन की आपूर्ति शुरू होने पर मनपा प्रशासन ने राहत की सांस ली, लेकिन विद्यार्थी रोज एक जैसा भोजन मिलने से ऊब गए हैं। दैनिक भास्कर ने कुछ स्कूलों का दौरा किया तो पोल खुली कि आधे से ज्यादा विद्यार्थियों ने मध्याह्न भोजन से मुंह मोड़ लिया है। 

जो टिफिन नहीं लाते वे घर जाते हैं भोजन के लिए
नंदनवन परिसर के आजमशाह मराठी स्कूल में मिड डे मील की आपूर्ति अक्षयपात्र करता है। स्कूल में शिक्षकों से अक्षयपात्र के भोजन की गुणवत्ता के संबंध में पूछने पर सब कुछ ठीक-ठाक बताया गया। विद्यार्थियों से मिलने पर पता चला अनेक विद्यार्थी घर से टिफिन लेकर आते हैं। स्कूल का मध्याह्न दोपहर 12.50 बजे होता है। अध्यक्षपात्र का भोजन मध्याह्न के बाद 2 बजे पहुंचाया जाता है। जो विद्यार्थी टिफिन लेकर आते है, मध्याह्न में भोजन कर लेते हैं। जिनके पास टिफिन नहीं रहता, उन्हें अक्षयापात्र का भोजन कराया जाता है। मध्याह्न का समय खत्म होने के बाद भोजन पहुंचाए जाने से पढ़ाई छोड़ विद्यार्थियों को भोजन के लिए छुट्टी देनी पड़ती है।

रोज एक जैसा भोजन
स्कूल की विद्यार्थी संख्या 40 है। मुश्किल से 20-25 विद्यार्थी भोजन करते हैं। अन्य विद्यार्थियों से भोजन नहीं करने का कारण पूछने पर जवाब मिला, रोज एक जैसा भोजन मिलने से ऊब गए हैं। उसे देखकर ही खाने का मन नहीं करता। ताजाबाद परिसर के ताजाबाद उर्दू स्कूल, आशीर्वाद उर्दू प्रायमरी स्कूल, बीड़ीपेठ उर्दू स्कूल, सक्करदरा मराठी प्रायमरी स्कूल में मध्याह्न भोजन की स्थिति जानने पर वही जवाब मिला। ताजाबाद उर्दू स्कूल में कक्षा 5वीं से 8वीं तक 295 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इसमें से सिर्फ 120 से 130 विद्यार्थी मध्याह्न भोजन करते हैं। जिनके घर पास में है, वे घर जाकर दोपहर का भोजन करते हैं। अन्य विद्यार्थी घर से अपने साथ टिफिन लेकर आते हैं।

पोषण आहार के मेनू का पालन नहीं
मध्याह्न भोजन के मेनू में चावल, दाल, कढ़ी, मोठ और मूंग का उसल, चना आदि शामील हैं। शिक्षकों का कहना है कि महिला बचत समूहों के माध्यम से मध्याह्न भोजन में मेनू का पालन किया जाता था। अक्षयपात्र के भोजन में मेनू का पालन नहीं किया जा रहा है। एक दिन आड़ मिक्स चावल और जीरा राइस के साथ मिक्स दाल दी जाती है। नियमित आहार के साथ शनिवार को सोजी मिलती है।

मनपा के 58 स्कूलों में आपूर्ति
नागपुर में कदम रखने पर अक्षयपात्र ने शुरुआत में 44 स्कूलों में नि:शुल्क मध्याह्न भोजना की आपूर्ति शुरू की। बचत समूहों के मुकाबले अक्षयपात्र के भोजन की गुणवत्ता बेहतर रहने से चालू शैक्षणिक वर्ष में मनपा ने 58 स्कूलों में भोजन आपूर्ति का करार किया। नाम नहीं बताने की शर्त पर शिक्षकों ने बताया कि नहीं चाहते हुए भी मनपा के दबाव में आकर उन्हें करार करना पड़ा। विद्यार्थियों को यह भोजन रास नहीं आने से अब मनपा की किरकिरी हो रही है।

जांच नहीं की है
महिला बचत समूहों भोजन के मुकाबले अक्षयपात्र के भोजन की गुणवत्ता बेहतर है। एक जैसा आहार नहीं देकर, इसमें बदलाव करने के लिए सूचित किया जाएगा।
- गौतम गेडाम, अधीक्षक, शालेय पोषण आहार योजना

Created On :   4 Jan 2019 6:43 AM GMT

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