संसार से ज्ञान रूपी नाव ही पार लगाएगी, अध्ययन बेहद जरूरी : सुवीरसागर

Study is very important said suvirsagar
संसार से ज्ञान रूपी नाव ही पार लगाएगी, अध्ययन बेहद जरूरी : सुवीरसागर
संसार से ज्ञान रूपी नाव ही पार लगाएगी, अध्ययन बेहद जरूरी : सुवीरसागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  संसार से पार होने के लिये ज्ञान ही नाव है और ज्ञान पाने के लिए स्वाध्याय आवश्यक है। यह उद्गार आचार्य सुवीरसागर ने श्री पार्श्वप्रभु दिगंबर जैन मोठे मंदिर, इतवारी में आयोजित सन्मति स्वाध्याय मंडल के स्वाध्याय वर्ग में व्यक्त किए। आचार्यश्री ने कहा कि उन्होंने 20 साल पहले अपने गुरु तपस्वी सम्राट सन्मतिसागरजी के मुख से सुना था कि नागपुर में गृहस्थाचार्य मनोहर आग्रेकर बहुत बड़े विद्वान है। आज मुझे संतोष हो रहा है कि ऐसे स्वाध्याय मंडल को आशीर्वाद स्वरूप उपदेश देने का अवसर प्राप्त हुआ।  अभी भी जैन मंदिरों में संध्याकाल में वचनिका यानी शास्त्र वाचन चलता है। डिग्री वालों के सिग्नेचर से लौकिक काम होते हैं और स्वाध्याय करने वालों के स्वाध्याय से पारलौकिक काम यानी मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। शास्त्र से हम जिनमत को समझ लेते है। यह जिनवाणी है मनवाणी नहीं है। 

50 साल से जारी है स्वाध्याय
गृहस्थाचार्य ने कहा कि मोठे मंदिर में विगत 50 साल से निरंतर स्वाध्याय हो रहा है। इसमें करीब 50 ग्रंथों को पढ़ाया और उसकी परीक्षा भी इंदौर बोर्ड द्वारा ली गई जिसमें अच्छे गुणों से सभी स्वाध्यायी उत्तीर्ण हुए। स्वाध्यायी अपने घर का काम छोड़कर प्रतिदिन शाम 7 बजे मोठे मंदिर में आते हैं। इन्हें सम्यग्ज्ञान की प्राप्ति हो। देव-शास्त्र-गुरु पर अटूट श्रद्धा बनी रहें। मेरी उम्र 84 साल की है। फिर भी निरंतर स्वाध्याय मंडल को  सेवा देता रहूंगा।  प्रास्ताविक विजया ठोलिया ने कहा कि नागठाणा में आचार्य ससंघ के सान्निध्य में 15 दिन का शिविर होगा। अनुमोदना चातुर्मास कमेटी के महामंत्री पंकज बोहरा ने दी। सभी स्वाध्यायियों ने जिनवाणी स्तुति कर अर्घ्य दिया।  कार्यक्रम मंे मोठे मंदिर के अध्यक्ष उदय जैन, मंत्री शरद ठवली सहित सभी कार्यकारीणी ने सहयोग किया। दीप प्रज्वलन एवं चरण प्रक्षालन  पं. मनोहर आग्रेकर, मोठे मंदिर के वरिष्ठ सदस्य चंद्रकुमार रावकां, प्रसार मंत्री हीराचंद मिश्रीकोटकर ने किया। मंगलाचरण संध्या जैन ने गाया।  रतनलाल गंगवाल, सुरेश आग्रेकर, अभय खडके, दीपक बोरालकर, सुधाकर जैन, अविनाश चवरे, आदिनाथ विटालकर, रत्नमाला आग्रेकर, सरोज मिश्रीकोटकर, समीक्षा नांदगांवकर, प्रमिला देवलसी, सीमा डोणगांवकर, चंचला मिश्रीकोटकर आदि उपस्थित थेे। 

Created On :   27 Nov 2019 7:30 AM GMT

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