आंवला नवमी पूजा से होती है अखंड सौभाग्य, आरोग्य, संतान और सुख की प्राप्ति

Such  worship  of  Akshaya  Navami,  Will  get  these  benefits
आंवला नवमी पूजा से होती है अखंड सौभाग्य, आरोग्य, संतान और सुख की प्राप्ति
आंवला नवमी पूजा से होती है अखंड सौभाग्य, आरोग्य, संतान और सुख की प्राप्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को "आंवला नवमी" या "अक्षय नवमी" कहते हैं। यह इस बार दिनांक 17 नवंबर 2018 दिन शनिवार को पड़ रही है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाएगी जिससे अखंड सौभाग्य, आरोग्य, संतान और सुख की प्राप्ति होती है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में हमेशा धन वर्षा होती रहे तो इस अक्षय नवमी के शनिवार को इन उपायों से आप लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं। 

मान्यता है कि इसी दिन द्वापर युग का आरंभ हुआ था। कहा जाता है कि आज ही विष्णु भगवान ने कुष्माण्डक दैत्य को मारा था और उसके रोम से कुष्माण्ड की बेल हुई। इसी कारण कुष्माण्ड का दान करने से उत्तम फल मिलता है। इसमें गन्ध, पुष्प और अक्षतों से कुष्माण्ड का पूजन करना चाहिए। साथ ही आज के दिन विधि विधान से तुलसी का विवाह कराने से भी कन्यादान तुल्य फल मिलता है।

पूजन विधि 
प्रात:काल स्नान कर आंवले के वृक्ष की पूजा की करें। पूजा करने के लिए आंवले के वृक्ष की पूर्व दिशा की ओर उन्मुख होकर षोडशोपचार पूजन करें। दाहिने हाथ में जल, चावल, पुष्प आदि लेकर व्रत का संकल्प करें। संकल्प के बाद आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा की ओर मुख कर 

ॐ धात्र्यै नम: 

मंत्र से आह्वानादि षोडशोपचार पूजन करके आंवले के वृक्ष की जड़ में दूध की धारा गिराते हुए पितरों का तर्पण करें। इसके बाद आंवले के वृक्ष के तने में कच्चे सूत्र लपेटें। फिर कर्पूर या घृतपूर्ण दीप से आंवले के वृक्ष की आरती करें।

विष्णु का स्वरूप है आंवला
शास्त्रों के अनुसार आंवला, पीपल, वटवृक्ष, शमी, आम और कदम्ब के वृक्षों को चारों पुरुषार्थ दिलाने वाला कहा गया है। इनके समीप जप-तप पूजा-पाठ करने से इंसान के सभी पाप मिट जाते हैं। पद्म पुराण में भगवान शिव ने कार्तिकेय से कहा है "आंवला वृक्ष साक्षात् विष्णु का ही स्वरूप है। यह विष्णु प्रिय है और इसके स्मरण मात्र से गोदान के बराबर फल मिलता है।"

माता लक्ष्मी से संबंध 
आंवला वृक्ष की पूजा और इस वृक्ष के नीचे भोजन करने की प्रथा को चालू करने वाली माता लक्ष्मी मानी जाती है। इस संदर्भ में कथा है कि एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण करने आईं। मार्ग में भगवान विष्णु एवं शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई। लक्ष्मी जी ने विचार किया कि एक साथ विष्णु एवं शिव की आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक चिह्न मानकर माता लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष की पूजा की। 

पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु और भगवान शिव को भोजन करवाया। इसके बाद स्वयं भोजन किया। जिस दिन यह घटना हुई थी उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी। इसी समय से यह परंपरा चली आ रही है। इस दिन अगर आंवले की पूजा करना और आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन बनाना और खाना संभव न हो तो इस दिन आंवला जरूर खाना चाहिए।

जानिए क्या है ये उपाय ?
तंत्र शास्त्र के अनुसार कुछ साधारण मगर सटीक उपाय करने से माता लक्ष्मी अपने भक्त पर शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं और अगर जन्म कुंडली में शनि अपनी दशा में अशुभ फल दे रहा है। शनि के बुरे प्रभाव से परेसनियों और बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे कि आपको जीवन में सुख नाम की कोई चीज न नही रही। उनके लिए आप नए-नए उपाय बता रहे हैं जिससे कि आपका यह ग्रह सही हो जाए।

शनि ग्रह के दोष को दूर करने और माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के उपाय बता रहे हैं जिनके पालन करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। अक्षय नवमी के शनिवार को यह उपाय करने से आप जीवन में प्रसन्नता प्राप्त कर सकते हैं।

माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए यह उपाय करें....

ज्योतिषों के अनुसार अक्षय नवमी के शनिवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।

अक्षय नवमी के दिन सुबह स्नान समय अपने आवंला के रस की कुछ बूंदे अपनी स्नान के पानी में डालें। इससे स्नान करने से माता प्रसन्न होगी। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। क्योंकि अक्षय नवमी के आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है।

इस दिन शाम के समय घर के ईशान कोण में भैंस के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें साथ ही दीपक में थोड़ी सी केसर भी डाल दें।
शनिवार को पांच कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं तथा पीला वस्त्र व दक्षिणा देकर विदा करें। इससे माता लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होती हैं।
इस दिन दान देने का भी विशेष महत्व है इसलिए इस दिन जितना हो सके गरीबों को दान करें। काले रंग की वस्तु या खाद्य पदार्थ का दान करें तो और शुभ रहेगा।
शनिवार को श्रीयंत्र का भैंस के दूध के अभिषेक करें और अभिषेक का जल पूरे घर में छिंटक दें व श्रीयंत्र को कमलगट्टे के साथ धन स्थान पर रख दें। इससे धन लाभ होने लगेगा।
शनिवार को गाय की सेवा करें श्यामा गाय मिल जाए तो और अच्छा है। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।
अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो अक्षय नवमी के शनिवार को भैंस, बकरी का जोड़ा या फिर काले कौये को दाना या फिर ब्रेड खिलाना चाहिए। ऐसा करने से शनि ग्रह मजबूत होता है।
शनिवार के दिन दूध ,दही, तेल, मीठा, काले रेशमी वस्त्र, इमारती आदि का दान करना लाभकारी साबित होगा।
शनि से सम्बन्धित रत्न का दान भी लाभप्रद होता है।
शनि ग्रह की शांति के लिए ब्राह्मणों एवं गरीबों को दूध और चावल खिलाएं।
किसी लंगड़े व्यक्ति को काले वस्त्र एवं मिष्ठान्न का दान करें।
किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकार करें।

Created On :   15 Nov 2018 8:35 AM GMT

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