अबॉर्शन की डेडलाइन पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Supreme court asks abortion hearing deadline
अबॉर्शन की डेडलाइन पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
अबॉर्शन की डेडलाइन पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

टीम डिजिटल,नई दिल्ली. अबॉर्शन ऐक्ट में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा हैं. दरअसल गर्भपात के लिए अधिकतम वक्त से जुड़े मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) ऐक्ट में संशोधन में देरी की वजह से बहुत सारी महिलाएं सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रही हैं. इन महिलाओं ने 20 हफ्ते के कानूनी दायरे के बाहर गर्भपात कराने की मंजूरी के लिए कोर्ट में अपील कर रही हैं.

दरअसल SC ने कोलकाता की एक 23 हफ्ते की गर्भवती महिला याचिका पर बुधवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उसकी राय मांगी है. कोलकाता की इस गर्भवती महिला ने एमटीपी ऐक्ट 1971 के सेक्शन 3 की वैधता को कोर्ट में चुनौती दी है. इस कानून के तहत 20 हफ्ते से ज्यादा वक्त होने के बाद गर्भपात कराना कानूनन अवैध है.

क्या है एमटीपी ऐक्ट?

2014 का एक बिल संसद में लंबित है, जिसमें गर्भपात कराने के अधिकतम कानूनी वक्त का दायरा बढ़ाकर 24 हफ्ते करने की सिफारिश की गई है. बीते पांच सालों में सुप्रीम कोर्ट के सामने ऐसे कई मिलते जुलते मामले सामने आए हैं, जिनमें याचिकाकर्ताओं ने कानूनी डेडलाइन से बाहर गर्भपात की इजाजत मांगी. ताजा याचिका में भी 23 हफ्ते के गर्भ को गिराने की इजाजत मांगी गई है. आपको बता दें, इससे पहले SC ने कई बार प्रगनेंसी कॉम्पलीकेशंस देखते हुए 20 हफ्ते से ज्यादा के प्रगनेंसी मामलों में गर्भपात की इजाजत भी दी है.

Created On :   22 Jun 2017 8:49 AM GMT

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