सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों को वित्तीय लेनदार का दर्जा दिया (लीड-1)

Supreme Court Gives Home Buyers Financial Creditor Status (Lead-1)
सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों को वित्तीय लेनदार का दर्जा दिया (लीड-1)
सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों को वित्तीय लेनदार का दर्जा दिया (लीड-1)
नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। घर खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) में संशोधन को बरकरार रखने का आदेश दिया, जिसके बाद अब घर खरीदारों को वित्तीय लेनदार का दर्जा मिलेगा।

घर खरीदने वालों को वित्तीय लेनदार का दर्जा देने के खिलाफ 200 रियल एस्टेट डेवलपरों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और उनका कहना था कि ये संशोधन अवैध और असंवैधानिक है।

आईबीसी में संशोधन से रियल एस्टेट परियोजनाओं के अलाटी को वित्तीय लेनदार माना जाएगा, और वे रियल एस्टेट डेवलपर के खिलाफ संहिता की धारा 7 के इस्तेमाल के लिए आवेदन दे सकेंगे। इसके अतिरिक्त, वित्तीय लेनदार होने के नाते, उन्हें लेनदारों की समिति में ही अधिकृत प्रतिनिधियों के माध्यम से जगह मिलेगी।

आईबीसी में संशोधन को बरकरार रखते हुए और इसकी प्रकृति को मनमाना नहीं बताते हुए न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की खंडपीठ ने घर खरीदारों द्वारा रियल एस्टेट कंपनियों को दिवालिया घोषित करने की याचिकाओं पर अदालतों को आंख मूंद कर आदेश पारित नहीं करना चाहिए, बल्कि केवल वास्तविक प्रकृति की याचिकाओं को ही अनुमति दी जानी चाहिए।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, रियल एस्टेट पंजीकरण अधिनियम (रेरा) और संहिता (आईबीसी) में सामंजस्य होना चाहिए। संहिता को संघर्ष की स्थिति में रेरा के ऊपर लागू करना चाहिए। शुरुआत में घर खरीदारों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 और रेरा के तहत समाधान मुहैया कराना चाहिए। इससे समाधान न हो पाने पर ही संहिता लागू की जाए।

--आईएएनएस

Created On :   9 Aug 2019 5:30 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story