अरविंद केजरीवाल सीएम हैं, कुछ तो सम्मान दिखाएं: सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court quote Arvind Kejriwal is CM, show some respect
अरविंद केजरीवाल सीएम हैं, कुछ तो सम्मान दिखाएं: सुप्रीम कोर्ट
अरविंद केजरीवाल सीएम हैं, कुछ तो सम्मान दिखाएं: सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीलिंग अभियान के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा ऐतराज जताया है। कोर्ट ने कहा कि इससे सरकार के मुखिया के दफ्तर की गरिमा गिरती है। ऐसी चीजों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। हालांकि कोर्ट ने शाहदरा से भाजपा विधायक ओपी शर्मा और पार्षद गुंजन गुप्ता को सीलिंग के कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए कोर्ट की अवमानना के आरोप से मुक्त कर दिया है। पीठ ने कहा कि उनकी गतिविधि तो न्यायालय के आदेश की अवमानना नहीं माना जा सकता है।

 

बता दें कि न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने दिल्ली सीलिंग मामले में सुनवाई के दौरान ये आदेश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वास्तविकता यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का सीलिंग मामले से कोई लेना-देना ही नहीं है, ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के समर्थक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा वाले बैनर और पोस्टर लेकर चलें।

 


 

 

सीडी देखने के बाद कोर्ट ने किया फैसला


इस मामले में कोर्ट ने पहले निगरानी समिति द्वारा दाखिल की हई सीडी देखी और उसके बाद यह फैसला लिया। अदालत ने सीडी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों आरोपी पुलिस और अथॉरिटी को सीलिंग न करने के लिए समझा रहे थे। इसे सीलिंग की कार्रवाई में बाधा पहुंचाना नहीं कहा जा सकता। अदालत ने आगे कहा कि सीडी में जो आपत्तिजनक दिखा, उसमें राजनैतिक दल के झंडे लहरा रहे थे। दिल्ली के सीएम केजरीवाल के खिलाफ लोग अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। 


अदालत ने आगे कहा कि विधायक ओपी शर्मा और पार्षद गुंजन गुप्ता ये तय करेंगे कि उन्होंने अपने समर्थकों को पब्लिक फंक्शनरीज को अपमानित करने वाले बैनर और पोस्टर न दिखाने के लिए समझाने के लिए कदम उठाए हैं। कोर्ट ने शर्मा और गुप्ता को न्यायालय की अवमानना के नोटिस से मुक्ति दे दी है। 

Created On :   7 March 2018 4:55 AM GMT

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