SC का आदेश - पुलिस हिरासत में रहेंगे आम्रपाली ग्रुप के तीनों डायरेक्टर

Supreme Court sends three Amrapali directors to police custody
SC का आदेश - पुलिस हिरासत में रहेंगे आम्रपाली ग्रुप के तीनों डायरेक्टर
SC का आदेश - पुलिस हिरासत में रहेंगे आम्रपाली ग्रुप के तीनों डायरेक्टर
हाईलाइट
  • आम्रपाली समूह के 3 डायरेक्टरों को हिरासत में लेने का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है।
  • जब तक फॉरेंसिक ऑडिट के पूरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा देते हैं तब तक उन्हें हिरासत में रखने का आदेश।
  • दो जजों की बेंच ने दिया डायरेक्टरों का हिरासत में रखने का आदेश।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम्रपाली ग्रुप पर रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा नहीं करने और खरीददारों को फ्लेट नहीं देने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही है। मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त रुख अख्तियार करते हुए आम्रपाली समूह के 3 डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा, शोव प्रिया और अजय कुमार को हिरासत में लेने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक वे फॉरेंसिक ऑडिट के पूरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा देते हैं तब तक उन्हें हिरासत में रखा जाए। जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच ने ये आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन डायरेक्टरों ने साल 2015 से अपने अकाउंट तक तैयार नहीं किए। इन पर घर खरीददारों के पैसे दूसरी जगह लगाने का भी आरोप है। तीनों डायरेक्टर तब तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे जब तक कि सभी 46 समूह कंपनियों के खातों से संबंधित प्रत्येक दस्तावेज़ SC द्वारा नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटर को सौंप नहीं दिया जाता है। बेंच ने कहा, "इसमें एक महीने का समय लग सकता है, हमें परवाह नहीं है। जब तक सभी दस्तावेजों को सौंप दिया जाता है तब तक वे पुलिस हिरासत में रहेंगे।" कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आम्रपाली समूह के सभी दस्तावेजों को जब्त करने और उन्हें फॉरेंसिक ऑडिटर्स को सौंपने का भी निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी की ओर से पेश वकील से पूछा कि फॉरेंसिक ऑडिट से संबंधित दस्तावेजों को अब तक ऑडिटरों के पास जमा क्यों नहीं कराया गया? कोर्ट ने अपने पहले के आदेश का पालन नहीं होने पर आम्रपाली के डायरेक्टरों को अवमानना का नोटिस भी जारी किया। कोर्ट ने कहा, 26 सितंबर को सभी रिकॉर्ड 24 घंटे में देने को कहा था, तो अब तक आदेश पर अमल क्यों नहीं हुआ। कोर्ट ने सख्त लहेजे में आम्रपाली के डायरेक्टरों से कहा कि आप लुका छिपी का खेल खेल रहे हैं। आप कोर्ट के गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NBCC) को आम्रपाली ग्रुप की रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए टेंडर निकालकर बिल्डर का चयन करने की अनुमति दी थी। साथ ही कोर्ट ने 60 दिनों के अंदर लंबित परियोजनाओं के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा था।

12 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप की स्थगित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए NBCC को नियुक्त किया था और समूह की संपत्तियों को बेचने के लिए डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल को निर्देशित किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एस्क्रो अकाउंट खोलने का भी निर्देश दिया था जिसमें संपत्तियों की बिक्री के बाद प्राप्त राशि को जमा करने के लिए कहा गया था। ताकि इस राशि को NBCC को दिया जा सके और वह A और B कैटेगरी के पेंडिंग प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन शुरू कर सकें। इसके अलावा, यह भी निर्देश दिया गया था कि 2008 से बैंक खातों, बैलेंस शीट्स और सभी 46 आम्रपाली कंपनियों और जोतिंद्र स्टील के अन्य दस्तावेज फॉरेंसिक ऑडिटर को दिए जाए।
 

Created On :   9 Oct 2018 12:29 PM GMT

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