स्कूलों, बैंक खाते, मोबाइल सेवा के लिए आधार जरूरी नहीं : SC

Supreme Court on Wednesday upheld the constitutional validity of Aadhaar
स्कूलों, बैंक खाते, मोबाइल सेवा के लिए आधार जरूरी नहीं : SC
स्कूलों, बैंक खाते, मोबाइल सेवा के लिए आधार जरूरी नहीं : SC
हाईलाइट
  • आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।
  • आधार कार्ड पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के समान।
  • जज ने कहा- आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया। इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं।
  • स्कूलों में एडमिशन के लिए आधार अनिवार्य नहीं:SC

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया। जस्टिस सीकरी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एम खानविलकर की तरफ से फैसला पढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि यह समाज के हाशिए वाले वर्गों को शक्ति प्रदान करता है। हालांकि, कोर्ट ने फैसला सुनाया कि स्कूलों में एडमिशन और मोबाइल फोन कनेक्शन के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं है। यूजीसी, एनईईटी और सीबीएसई परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा। अदालत ने यह भी कहा कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड प्रदान नहीं किया जाएगा।


जस्टिस एके सीकरी ने कहा, ये जरूरी नहीं है कि हर चीज बेहतर हो, कुछ अलग भी होना चाहिए। जज ने कहा, आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है। इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, आधार कार्ड पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के बराबर है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि मनी बिल के रूप में योग्य नहीं होने पर आधार एक्ट को मनी बिल के रूप में पास करना संविधान के साथ धोखाधड़ी है, यह मूल संरचना का उल्लंघन करता है।

आधार से गरीबों को ताकत मिली- SC

सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। कोर्ट के मुताबिक, आधार कार्ड पूरी तरह सुरक्षित है और आम नागरिक की पहचान है। आधार ने समाज के वंचित तबकों को सशक्त किया और उन्हें एक पहचान दी है। इससे गरीबों को ताकत मिली है। आधार का डुप्लीकेट बनाना मुमकिन नहीं।


डेटा प्रोटेक्शन पर कानून लाए सरकार- SC

आधार मामले में फैसला पढ़ते हुए जस्टिस सीकरी ने केंद्र से डेटा प्रोटेक्शन पर जल्द मजबूत कानून लाने के लिए भी कहा है। SC ने आधार ऐक्ट की धारा 57 को रद्द कर दिया है। प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकतीं। इतना ही नहीं अब बैंक खातों को आधार से लिंक कराना भी अनिवार्य नहीं होगा। 


आधार पर SC के अन्य बड़े फैसले-
 

  • बैंक खाते खोलने के लिए आधार अनिवार्य नहीं किया जा सकता।
     
  • मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार अनिवार्य नहीं हो सकता। इसको लेकर डीओटी की अधिसूचना असंवैधानिक।
     
  • कोई भी मोबाइल कंपनी आधार कार्ड की मांग नहीं कर सकती। 
     
  • स्कूलों में एडमिशन के लिए आधार अनिवार्य नहीं किया जा सकता।
     
  • सेक्शन 139AA बरकरार, PAN कार्ड से आधार लिंक करना जरूरी।
     
  • UGC, NEET और CBSE परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। 
     
  • बॉयोमेट्रिक डेटा कोर्ट की अनुमति के बिना किसी भी एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा।
     
  • सरकार यह सुनिश्चित करे कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड न मिले।


मई में कोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित

इससे पहले मई में कोर्ट ने अपने फैसले को सुरक्षित रखा था। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट यह भी फैसला करेगा कि आधार कार्ड जमा करने के दौरान दी जाने वाली जानकारी राइट टू प्राइवेसी का हनन है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने मई में ही इस केस से जुड़ी सभी सुनवाई पूरी कर ली थी। कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व जज केएस पुत्तास्वामी समेत कई अन्य याचिकाकर्ताओं ने आधार की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी।


आधार की अनिवार्यता से लोगों के निजी जीवन में प्रभाव पड़ा

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कहा था कि हर सरकारी योजना और अन्य सेवाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने से लोगों के निजी जीवन में काफी प्रभाव पड़ा है और यह राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है। उन्होंने कोर्ट से अपील की थी कि विभिन्न योजनाओं और सेवाओं में आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर देना चाहिए। इसके बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच जजों के बेंच ने 38 दिनों तक इस याचिका पर सुनवाई की थी।


सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के वेणुगोपाल इस मामले दलील पेश कर रहे हैं। सरकार की ओर से दलील पेश करते हुए उन्होंने कहा था कि यह पूरी तरह सेफ है और इसके साथ धोखाधड़ी नहीं की जा सकती। वहीं इससे लोगों को सुरक्षित रखने में भी सुविधा होगी। फैसला आने तक केंद्र और राज्य सरकारों की सभी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगा दी गई थी। बता दें कि आधार कार्ड एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नम्बर है जो भारत में रह रहे हर एक व्यक्ति को अपनी पहचान दिलाता है। आधार में 12 अंक होते हैं, जो कि सभी भारतीय व्यक्ति के लिए है चाहे वह किसी भी आयु का हो।

Created On :   25 Sep 2018 1:32 PM GMT

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