सोशल मीडिया पर चुनावी सर्वे से भाजपा नेता सकते में

Surprising information is coming out in BJPs survey  preparing for the Lok Sabha
सोशल मीडिया पर चुनावी सर्वे से भाजपा नेता सकते में
सोशल मीडिया पर चुनावी सर्वे से भाजपा नेता सकते में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही शहर भाजपा के सर्वे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। कुछ विधायकों को इस सर्वे के बाद टिकट से पत्ता कटने का भय सता रहा है।  विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी नहीं मिलने की संभावना के साथ ही कई दावे व सर्वे के बारे में सोशल मीडिया पर प्रचार होने लगा है। लोकसभा चुनाव के पहले विधानसभा की उम्मीदवारी के मामले को भाजपा किसी भी स्थिति में नहीं छूना चाहती है। सभी विधायकों व विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुकों को लोकसभा चुनाव के लिए संगठनात्मक योगदान देने को कह रही है। ऐसे में विधायकों को लेकर सामने आ रही चर्चा से पार्टी पदाधिकारियों को लगता है कि यह नेताओं को निराश करने का प्रयास है। 

यह मैसेज वायरल
ताजा मामला, दक्षिण नागपुर विधानसभा क्षेत्र का है। भाजपा के शहर अध्यक्ष सुधाकर कोहले इस क्षेत्र के विधायक हैं। दो दिनों से सोशल मीडिया पर एक सर्वे का हवाला देते हुए संदेश वायरल हो रहा है। स्ट्रैपल वेबसाइट के हवाले से सर्वे करने का दावा किया जा रहा है। इस क्षेत्र में 2019 में होनेवाले विधानसभा में भाजपा के पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर 4 नामों पर मत मंगाने का दावा किया जा रहा है। विधायक कोहले के अलावा पूर्व विधायक मोहन मते, नगरसेवक रवींद्र भोयर व पार्टी पदाधिकारी आशीष वांदिले के नाम पर मत मांगने का दावा है। दर्शाया जा रहा है कि पसंदीदा उम्मीदवार की श्रेणी में मोहन मते करीब 70 प्रतिशत मतों के साथ सबसे आगे हैं। विधायक काेहले 25 प्रतिशत मतों के साथ मते की तुलना में आधी स्थिति में भी नहीं हैं। भोयर व वांदिले को 3 से 4 प्रतिशत तक लोगों ने उम्मीदवार के तौर पर पसंद किया है।

निराधार हैं ये दावे
शहर भाजपा के प्रचार प्रमुख चंदन गोस्वामी ने कहा है कि किसी तरह का सर्वे नहीं किया गया है। जो भी दावे किए जा रहे हैं, वे निराधार हैं। भाजपा का विस्तार होने से पार्टी में किसी भी चुनाव के लिए उम्मीदवार की संख्या अधिक हो सकती है, लेकिन उम्मीदवार के संबंध में तो व्यापक प्रक्रिया के बाद पार्टी के शीर्षस्थ नेता निर्णय लेते हैं।

ऐसा प्रचार कराया जा रहा 
गौरतलब है कि कुछ समय पहले भी विधायकाें को लेकर खबर आई थी। प्रदेश स्तर पर विधायकों व सांसदों के कार्यों की रिपोर्ट कार्ड का हवाला देते हुए कहा गया था कि नागपुर में 3 से 4 विधायक अपने कार्य के मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं। उन्हें पार्टी की ओर से नोटिस भी दिया गया है। उस समय भी शहर अध्यक्ष कोहले की रिपोर्ट अच्छी नहीं बताई गई थी। उत्तर नागपुर के विधायक मिलिंद माने की उम्मीदवारी को लेकर भी संदेह जताया गया था। तब कोहले व माने ने पार्टी की ही सभा में कहा था कि इस तरह का प्रचार रोकना होगा। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा में उम्मीदवार के लिए उत्तर नागपुर में 56 व दक्षिण नागपुर में 38 नाम सामने आए थे। यह भी कहा जा  रहा है कि चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कुछ नेता ही इस तरह का प्रचार करवा रहे हैं। 
 

Created On :   6 Jan 2019 9:32 AM GMT

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