कुण्डली में है सूर्य ग्रहण योग तो करें ये उपाय
डिजिटल डेस्क, भोपाल। जब सूर्य और राहु एकसाथ किसी भाव में आते हैं तो सूर्य ग्रहण योग बनता हैं। कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष या सूर्य ग्रहण योग एक हानिकर प्रभाव है, जो राहु के कुंडली में किसी ग्रह के साथ बैठने से पैदा होता है। उदाहरण के लिए यदि राहु चंद्रमा के साथ बैठा है तो कुंडली में “राहु चंद्रमा या चंद्र ग्रहण दोष” मौजूद है।
यदि कुंडली में राहु सूर्य के साथ बैठा है तो “राहु सूर्य या सूर्य ग्रहण दोष” कहलाता है। सरल शब्दों में, जब राहु कुंडली में नकारात्मक है, यह ग्रहण दोष कहा जाता है। राहु ग्रह दोनों पेशेवर और व्यक्तिगत किसी भी प्रकार का हानिकर प्रभाव उत्पन्न करता है जीवन में समस्याएं पैदा करता है। यह अतिरिक्त संघर्ष और जीवन में कठिनाई पैदा करता है।
कुंडली में यदि सूर्य ग्रहण दोष हो तो होती हैं ये परेशानियां
- नौकरी और व्यापार में अचानक अवांछित समस्याएं।
- जीवन में देरी से परिणाम मिलना।
- पुराने रोग और बीमारियां पैर, श्वास, गर्दन, फेफड़े और आंखों से संबंधित परेशान करती हैं।
- मानसिक असंतुलन या अवसाद।
- समाजिक और कानूनी समस्या।
व्यापार-व्यवसाय में करना होगा इन परेशानियों का सामना
- यदि प्राइवेट ऑफिस में कार्यरत हैं तो अपने अधिकारियों के कोप का सामना करना पड़ेगा।
- व्यापारियों को टैक्स आदि मुकदमे झेलने होंगे।
- सामान की बर्बादी होगी।
- मानसिक व्यथा का सामना करना पड़ता है।
- पिता से अच्छा तालमेल नहीं बैठ पाता।
- जीवन में कम से कम एक बार किसी आकस्मिक नुकसान या दुर्घटना के शिकार होते हैं।
- जीवन के अंतिक समय में जातक का पिता बीमार रहता है या स्वयं को ऐसी बीमारी होती है जिसका पता नहीं चल पाता।
- विवाह व शिक्षा में बाधाओं के साथ वैवाहिक जीवन अस्थिर बना रहता है।
- वंश वृद्धि में अवरोध दिखाई पड़ते हैं। काफी प्रयास के बाद भी पुत्र/पुत्री का सुख नहीं होगा।
- गर्भपात की स्थिति पैदा होती है।
- आत्मबल में कमी रहती है। स्वयं निर्णय लेने में परेशानी होती है।
- वस्तुतः लोगों से अधिक सलाह लेनी पड़ती है
- परीक्षा एवं साक्षात्मार में असफलता मिलती है।
सूर्य दोष से निपटने के उपाय
- यह योग जन्मपत्रिका के जिस भाव में हो, उतनी ही मात्रा में सूर्य के शत्रु ग्रहों का सामान लें, और ग्रहण अवधि में मध्यकाल में अपने सिर से सात बार मस्तक पर (एंटीक्लॉक वाइज) उतार लें और किसी भी नदी के तेज बहते जल में प्रवाहित कर दें।
- कम से कम 60 ग्राम का शुद्ध चांदी का हाथी जिसकी सूंड नीचे की और हो, अपने घर पर लाकर चांदी या स्टील की कटोरी में गंगाजल भरकर उसमे खड़ा कर अपने बेडरूम में रखें। ध्यान रखें कि इस हाथी पर सूर्य की रोशनी न पहुंचे।
- सूर्य की किरणें सीधे अपने सिर पर न पड़ने दें अर्थात अपना सिर ढ़क कर रखें।
- अपने पुश्तैनी मकान की दहलीज के नीचे चांदी का पतरा या तार बिछाएं।
- राहु से सम्बंधित कोई भी वस्तु अपने घर पर न रखें और न ही उनका सेवन करें।
Created On :   26 April 2018 9:30 AM GMT