सूर्य पूजा का सबसे उत्तम व श्रेष्ठ दिन, मिलेगा धन-विद्या का वरदान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सूर्य पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है रविवार। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, सूर्य के समान ही प्रकाश प्राप्त होता है। तेजस्वी एवं दैदिप्यमान भविष्य के साथ ही उच्च पद की प्राप्ति होती है। जिनका राशि स्वामी सूर्य है उनके लिए रविवार का व्रत श्रेष्ठ माना गया है। सूर्य की पहली किरण के दर्शन करना और अघ्र्य देना भी उनके लिए उत्तम एवं फलकारी माना गया है।
आरोग्य, धन, पुत्र, मित्र एवं तेज
जो लोग सूर्यदेव को समर्पित रविवार का व्रत करते हैं वे मानसिक शांति का स्वयं ही अनुभव करते हैं। इस व्रत को सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है। सूर्यदेव आरोग्य, धन, पुत्र, मित्र एवं तेज के साथ ही विद्या का भी वरदान देते हैं अतः इनके पूजन में भी विशेष सावधानियां रखना आवश्यक है। अर्थात विधि-विधान से ही सूर्य पूजा फलदायी बतायी गई है। यदि आप व्रत नही भी करते हैं और नियमित रूप से सूर्यदेव को अघ्र्य देते हैं तो भी आपको जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है। आप समाज में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।
नियमों का पालन है जरूरी
-सूर्य देव को अघ्र्य देते समय तीन बार इस विधि का पालन करें।
-ब्रम्हमुहूर्त में अघ्र्य देने के उपरांत डूबते सूर्य अर्थात संध्याकाल में भी सूर्यदेव को अघ्र्य दें।
-सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें।
-आदित्य हृदय का पाठ भी फलदायी बताया गया है।
-यदि आप व्रत धारण कर रहे हैं तो रविवार को तेल, नमक का सेवन ना करें।
-सूर्यदेव की पूजा करने से नेत्र रोग नही घेरता एवं नेत्र ज्योति एवं चेतना तीव्र होती है।
-यदि आप नियमित सूर्यदेव की पूजा करते हैं तो उसका असर आपको कुछ ही दिनाें में नजर आने लगता। इसके उपरांत भी यदि आप इस विधि काे नियमित रखते हैं तो आप निरंतर ही उन्नति की आेर अग्रसर हाेंगे।
Created On :   24 Feb 2018 4:48 AM GMT