मोदी सरकार से रूठे नायडू, TDP के दो केन्द्रीय मंत्रियो को इस्तीफा देने को कहा

TDP decided to pull out its 2 ministers from the government
मोदी सरकार से रूठे नायडू, TDP के दो केन्द्रीय मंत्रियो को इस्तीफा देने को कहा
मोदी सरकार से रूठे नायडू, TDP के दो केन्द्रीय मंत्रियो को इस्तीफा देने को कहा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तेलुगू देशम पार्टी के दो मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने को कहा है। नायडू ने यह आदेश बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। जेटली के इस बयान के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम नायडू ने कहा कि वे केन्द्र सरकार से अपना नाता तोड़ रहे हैं। हालांकि पार्टी ने साफ किया है कि वह NDA से अलग नहीं होगी।

 


नायडू बोले, यह हमारा हक है
चंद्र बाबू नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह हमारा हक है। केंद्र सरकार किए गए वादे को पूरा नहीं कर रही है।"  "हम बजट के दिन से इसकी मांग कर रहे हैं। लेकिन वह हमारी बातों पर कोई जवाब नहीं दे रहे। हमने चार सालों तक इंतजार किया। मैंने केंद्र को सभी तरीकों से समझाने की कोशिश की।" उन्होंने कहा, "एक जिम्मेदार नेता होने के नाते मैंने प्रधानमंत्री को अपने फैसले के बारे में बताने की कोशिश की, लेकिन वह इसके लिए उपलब्ध नहीं हो सके। केंद्र सकार हमारी बात सुनने के मूड में नहीं है। मुझे नहीं पता कि मुझसे क्या गलती हुई है। वह ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं?" केंद्र में टीडीपी कोटे से मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई. एस. चौधरी गुरुवार सुबह मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। टीडीपी के सरकार से अलग होने को बीजेपी के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

तनाव अब चरम पर पहुंच चुका है
इससे पहले पार्टी सांसद नरामल्ली शिवप्रसाद ने कहा था कि टीडीपी और बीजेपी के बीच तनाव अब "चरम" पर पहुंच चुका है और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जल्द ही गठबंधन में बने रहने को लेकर फैसला लेंगे। शिवप्रसाद ने कहा, "इस बात की संभावना है कि आज या कल हमारे नेताओं की बैठक होगी और जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा। दोनों दलों के बीच स्थिति अब चरम पर पहुंच चुकी है और वह बता चुके हैं कि उन्हें क्या करना है और हम कह चुके हैं कि हमें क्या चाहिए।"

संसद की कार्यवाही रोके जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं
वहीं टीडीपी सांसद सीएम रमेश ने कहा था, "अभी तक एनडीए की सरकार ने विशेष दर्जा को लेकर कुछ भी नहीं किया है। हमारे पास इस मामले में संसद की कार्यवाही को रोके जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।" रमेश ने हालांकि दोनों दलों के बीच के गठबंधन की स्थिति को लेकर कुछ भी कहने से मना किया।

इसलिए नहीं मिल सकता विशेष राज्य का दर्जा
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मामले में केन्द्र सरकार का स्टैंड साफ करते हुए कहा कि जब आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ था तब विशेष राज्य का दर्जा अस्तित्व में था लेकिन 14वें वित्त आयोग ने इस विचार को ही खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि विशेष दर्जा वास्तव में पूर्वोत्तर के उन राज्यों को मिलता है जिनके पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। जेटली ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे का यह मतलब नहीं है कि आपको 90/10 के अनुपात का लाभ मिलता है न कि 60/40 का।

इनके पास है विशेष राज्य का दर्जा 

  • असम
  • नगालैंड 
  • जम्मू और कश्मीर
  • अरुणाचल प्रदेश 
  • मणिपुर
  • मेघालय
  • मिजोरम
  • सिक्किम
  • त्रिपुरा
  • उत्तराखंड
  • हिमाचल प्रदेश

क्या होता है विशेष राज्य का दर्जा?
विशेष दर्जा प्राप्त राज्य को केंद्रीय सहयोग के तहत प्रदान की गई राशि में 90 प्रतिशत अनुदान और 10 प्रतिशत कर्ज होता है। जबकि दूसरी श्रेणी के राज्यों को केंद्रीय सहयोग के तहत 70 प्रतिशत राशि कर्ज के रूप में और 30 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाती है।

Created On :   7 March 2018 6:21 PM GMT

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