खुद को मरा साबित करने की अपने हमशक्ल की हत्या, बीमा क्लेम पाने की थी योजना

Teacher prove himself dead, plan to get insurance claim,
खुद को मरा साबित करने की अपने हमशक्ल की हत्या, बीमा क्लेम पाने की थी योजना
खुद को मरा साबित करने की अपने हमशक्ल की हत्या, बीमा क्लेम पाने की थी योजना

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। यहां एक शिक्षक ने मकान गाड़ी और न जाने किस किस चीज के लिए लाखों रुआपये का लोन ले रखा था । साथ ही इसने बीस लाख रूपये की बीमा पॉलिसी भी ले रखी थी । कर्ज के साथ साथ जब बीमा पॉलिसी की किस्त चुकाना कठिन हो गया तो इस शिक्षक के शैतानी दिमाग ने ऐंसी योजना बना डाली कि यह पुलिस के लिए भी चेलेंज बन गया । आरोपी ने बीमा क्लेम पाने के लिए खुद की कद काठी वाले एक मजदूर की हत्या कर उसे अपने कपड़े पहना कर शव को दूर जंगल में ले जाकर जला दिया। यहां शव बरामद होने के बाद इस शव को आरोपी के भाई ने शिक्षक जितेन्द्र ठाकरे के रूप में पहचाना और पूरी रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया । पुलिस के सामने यह अंधी हत्या का मामला चेलेंज बन गया क्योंकि श्क्षिक संघ के साथ ही दूसरे लोगों द्वारा भी हत्यारे को पकड़ने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा था ।दो दिन बाद अपनी योजना पूरी होती देख इस आरोपी ने अपने घर वालों को फोन पर अपने जिंदा होने की खबर दी और सारी कहानी बखान कर दी । यहां आरोपी के घर वाले यह समझ चुके थे कि जितेन्द्र बड़ा अपराध कर चुका है ऐसे में उसका साथ देना ठीक नहीं होगा, लिहाजा उन्होंने पूरी बात पुलिस की बता दी । इसके विपरीत पुलिस का दावा है कि पूरा मामला उन्होंने खुद सुलझाया है ।
 

जितेन्द्र ठाकरे ने पुलिस को बताया कि घटनाक्रम वाले दिन उसने बालाघाट के राज घाट चौक स्थित मजदूर मिलने वाले स्थान से एक अपने कद गाठी के व्यक्ति को अपनी टाटा मैजिक में बैठा लिया था और कंजेई घाटी ले गया। यहां पर जितेंद्र ने पीछे से वार कर उस व्यक्ति की हत्या कर दी। लालबर्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने इस बात का पहले ही खुलासा कर दिया था कंजेई में मिले शव की जलने से नही खून की कमी से मौत हुई है और उसके  पीठ पर चोट के निशान थे।  जिस कारण यह स्पष्ट हो गया था कि उस व्यक्ति की हत्या की गई है। यह पूरी स्टोरी पुलिस के गले नहीं उतर रही थी कि व्यक्ति की हत्या की गई है और कैसे व्यक्ति वहां जाकर जलकर मर गया। लिहाजापूरे मामले पर बारीकी से जांच शुरू की गई और आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
 

यह है पूरा मामला

अपने कबूल नामा में जितेंद्र ने बताया कि वह 20 लाख का बीमा लिए हुआ था । मकान, टाटा मैजिक और एक कार भा कर्ज पर उठा रखी थी ,इन सब की किस्त जमा करने के बाद घर चलाना उसके लिए मुश्किल हो रहा था।  इसलिए उसने सोचा कि क्यों न किसी अपने शक्ल के व्यक्ति को मार दिया जाए और बीमा क्लेम से मिलने वाली राशि से परिवार वालों को पैसा मिल जाएगा । इस तरह उसके दिमाग में यह अपराध करने का पूरा प्लान आया और पूरे घटनाक्रम को अंजाम दे दिया।

Created On :   28 May 2019 12:22 PM GMT

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