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अब सीबीएसई बोर्ड एग्जाम का नया पैटर्न समझाने काउंसलिंग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीबीएसई स्कूलों में बोर्ड एग्जाम को लेकर जल्द ही काउंसलिंग शुरू की जाएगी। इसमें टीचर्स अपने क्लास के छात्रों को एग्जाम की स्ट्रेटजी बनवाएंगे। साथ ही उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी करेंगे। इसको लेकर रोजाना एक घंटे का काउंसलिंग सेशन होगा। इसमें कक्षा 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले छात्र शामिल होंगे। यह काउंसलिंग सेशन क्लास टीचर, सब्जेक्ट एक्सपर्ट के अलावा स्कूल के काउंसलर्स लेंगे। बोर्ड एग्जाम्स के पैटर्न में जो बदलाव हुआ है, उसको लेकर टीचर्स को छात्रों को समझाइश देनी होगी, जिससे उन्हें बोर्ड एग्जाम की तैयारी करने में मदद मिले।
ऐसे करेंगे एग्जाम के लिए छात्रों की काउंसलिंग
टीचर्स इन काउंसलिंग सेशन में छात्रों को बताएंगे कि क्रिटिकल थिंकिंग वाले सवालों का हल निकालने के लिए रोजाना एक से दो घंटे प्रैक्टिस करनी होगी। उन्हें प्रश्न में दर्शाई गई स्थिति का हर तरह से विश्लेषण करना होगा और उसे रियल लाइफ से जोड़ते हुए उचित नतीजे तक पहुंचना होगा।
इस बदले पैटर्न से स्टूडेंट्स को यह होगा फायदा
- जब छात्र किसी भी स्थिति में स्पष्ट व व्यवस्थित तरीके से सोचना सीखते हैं, तो वे दूसरों के सामने खुद को बेहतर तरीके से प्रेजेंट कर सकते हैं। इस क्वालिटी का सबसे बड़ा फायदा भविष्य में जॉब इंटरव्यू के दौरान होगा।
- किसी समस्या का सबसे अलग और रचनात्मक हल निकालने के लिए छात्रों को कुछ नए आइडिया दिमाग में लाने होंगे, जो मौजूदा स्थिति से पूरी तरह संबंध रखते हों। ऐसे आइडिया निकालते समय आपके दिमाग की क्रिएटिविटी खास रोल निभाती है।
- इस तरह के सवाल नीट और जेईई मेंस की एग्जाम्स में पूछे जाते हैं। इसमें हायर ऑर्डर थिंकिंग स्किल क्वेश्चन और रीजनिंग बेस्ड सवाल आते हैं। इसलिए स्टूडेंट्स को इन प्रतियोगी एग्जाम्स का भी पैटर्न समझने का मौका मिलेगा।
ऐसा रहेगा एग्जाम का पैटर्न
- क्वेश्चन पेपर स्टूडेंट्स की विश्लेषणात्मक क्षमताओं को जांचने के लिहाज से बनाया जाएगा।
- स्टूडेंट्स की क्रिटिकल थिंकिंग एबिलिटी को टेस्ट करने पर ज्यादा फोकस रहेगा
- क्वेश्चन पेपर ज्यादा प्रॉब्लम सॉल्विंग होंगे। शॉर्ट आंसर टाइप क्वेश्चन, जो कि 1 से 5 अंक के होते थे उन्हें बढ़ाया जाएगा।
टीचर्स से मांगी केस स्टडीज
बच्चों की सोच, उनके विवेक और सौंदर्यबोध को निखारने के उद्देश्य से सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) स्कूल्स में अब लाइव केस स्टडीज से पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके लिए पहली बार सीबीएसई ने देशभर के टीचर्स से केस स्टडीज मंगवाई हैं। शहर के टीचर्स भी केस स्टडीज भेज रहे हैं, जिनमें से चुनिंदा केस स्टडीज "दीक्षा" पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी। टीचर्स किन इनोवेटिव तरीकों से पढ़ाते हैं ये भी इस पोर्टल पर शेयर किया जाएगा। केस स्टडीज के जरिए सीबीएसई नए टीचर्स को पढ़ाई में इनोवेशन करना सिखाएगा। सीबीएसई कस उद्देश्य छात्रों की पढ़ाई में निखार लाना है। टीचर द्वारा तैयार की गईं केस स्टडीज प्रिंसिपल द्वारा वेरिफाई की जाएंगी। साथ ही तय करेंगे कि जो मटेरियल भेज रहे हैं, वह ओरिजनल है। साथ ही एजुकेशनल खामियों के समाधान भी निकाले जाएंगे।
दीक्षा पोर्टल पर करेंगे अपलोड
देशभर के स्कूलों से मांगी जा रही केस स्टडीज को नवंबर के दूसरे सप्ताह तक सीबीएसई को भेजना होगा। टीचर्स रिसर्च वर्क, केस स्टडी सीबीएसई के दीक्षा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसके बाद दीक्षा पोर्टल की टीम चयनित केस स्टडीज को पोर्टल पर जारी करेगी। लर्निंग, टीचिंग सिस्टम सहित अन्य टॉपिक से निकलने वाले बेहतर उदाहरण से गाइडलाइन तैयार होगी।
Created On :   22 Nov 2018 8:20 AM GMT