तहरीक-ए-हुर्रियत चीफ का बेटा हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल, राइफल के साथ तस्वीर वायरल

Tehreek-e-Hurriyat chairman’s missing son joins Hizbul Mujahideen
तहरीक-ए-हुर्रियत चीफ का बेटा हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल, राइफल के साथ तस्वीर वायरल
तहरीक-ए-हुर्रियत चीफ का बेटा हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल, राइफल के साथ तस्वीर वायरल

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। क्या कश्मीर में तहरीक-ए-हुर्रियत के नए प्रमुख के बेटे ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ज्वाइन कर लिया है? सोशल मीडिया पर की वायरल हो रही तस्वीरों की माने तो ये सच है। इस फोटो पर जो डिटेल्स दिए गए हैं उनके अनुसार उसने 24 मार्च यानि आज ही आतंकी संगठन ज्वाइन किया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अब तक इस बात की पुष्टी नहीं की गई है।

तस्वीर के साथ पूरा ब्योरा
मोहम्मद अशरफ सेहराई तहरीक-ए-हुर्रियत के नए चीफ है। उनके बेटे जुनैद अहमद सेराय की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में उसके हाथ में राइफल है। इसके साथ उसका पूरा ब्यौरा इस फोटो में दिया गया है। फोटो पर जो डिटेल्स दिए गए हैं उसके अनुसार जुनैद अहमद सेराय का कोड नेम अमार भाई है और वह बागार बार्जुला का रहने वाला है। इसमें उसके पिता का नाम मोहम्मद अशरफ सेराय बताया गया है जो कि तहरीक-ए-हुर्रियत के चीफ हैं। उसकी क्वालिफिकेशन के.यू. से एमबीए बताई गई है। इसमें ये भी लिखा है कि उसने मुजाहिद्दीन 24 मार्च 2018 को ज्वाइन किया है।

जुमे की नमाज से गायब है जुनैद
सेहराई के परिवार वाले बताते है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद से जुनैद को नहीं देखा गया है। आखिरी बार बागात इलाके में घर के पास ही उसे देखा गया था। काफी देर बाद भी वह घर वापस नहीं आया तो उसे ढूंढने का प्रयास किया गया। लेकिन जब वह नहीं मिला तो पुलिस स्टेशन पहुंचकर जुनैद के लापता होने की सूचना दी गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जुनैद द्वारा आतंकी संगठन में शामिल होने की अफवाहें हैं, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। यदि जुनैद द्वारा आतंकी संगठन में शामिल होने की आधिकारिक पुष्टि हो जाए तो यह पिछले तीन दशकों में पहली बार ऐसा होगा कि किसी वरिष्ठ अलगाववादी नेता का बेटा आतंकियों में शामिल हुआ हैं।

डीजीपी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वहीं डीजीपी एसपी वैद ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा, मैं सेहराई से आग्रह करता हूं कि चूंकि वह कमांड में हैं, उन्हें उनके बेटे और अन्य स्थानीय युवकों से बंदूक छोडऩे की अपील करनी चाहिए। बता दें कि इसी सप्ताह सैयद अली शाह गिलानी के इस्तीफे के बाद मोहम्मद अशरफ सेराय को तहरीक-ए-हुर्रियत का चेयरमैन बनाया गया है। यह संगठन 2005 में अस्तित्व में आया था और गिलानी व सेराय दोनों इसके फाउंडर मेंबर रहे हैं। सेराय और गिलानी अच्छे दोस्त भी रहे हैं इसीलिए माना जा रहा था कि गिलानी ने इस्तीफा देकर सेराय के अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ किया है।

 

Created On :   24 March 2018 6:01 PM GMT

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