भाई ने ही लूटा था 10 किलो सोना, लूट के बाद गढ़ी फर्जी कहानी

Ten kg gold looted by brother from sarafa shop in mumbai maharashtra
भाई ने ही लूटा था 10 किलो सोना, लूट के बाद गढ़ी फर्जी कहानी
भाई ने ही लूटा था 10 किलो सोना, लूट के बाद गढ़ी फर्जी कहानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सराफा व्यवसायी की दुकान में सात महीने पहले करीब 10 किलो सोना  लूट की गुत्थी सुलझाते हुए एमआईडीसी पुलिस ने उसके तीन रिश्तेदारों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। छानबीन में खुलासा हुआ है कि जिस ममेरे भाई के भरोसे व्यवसायी दुकान छोड़कर गांव गया था उसे ने अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की और लूटपाट की शिकायत दर्ज करा दी। मामले में कोई सबूत न होने के बावजूद पुलिस ने आरोपियों पर लंबे समय तक नजर रखी और आखिरकार लूट की गुत्थी सुलझा ली।

भाई के बाहर होने का उठाया था फायदा
अंधेरी के सुभाष नगर इलाके में स्थित इस दुकान के मालिक देवीलाल लोहार हैं। इसी साल चार मई को लोहार राजस्थान गए हुए थे। इस दौरान उन्होंने दुकान संभालने का जिम्मा अपने ममेरे भाई कमलेश लोहार को सौंप रखी थी। कमलेश ने पुलिस को बताया कि चार मई की रात दो लोग दुकान में दाखिल हुए। उन्होंने उसके और दुकान में मौजूद उसके दोस्त दिनेश पुरबिया के चेहरे पर बेहोशी का स्प्रे मारा और दुकान में रखे गहने और नगदी लूट ले गए। पुलिस ने आईपीसी की धारा 394, 328, 34 के तहत FIR दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की। लेकिन उसे कमलेश और उसके दोस्त पुरबिया के अलग अलग बयानों के बाद शक हो गया, लेकिन पुलिस के पास इसका कोई सबूत नहीं था। काफी छानबीन के बाद पुलिस को इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि इलाके में सक्रिय कोई अपराधी इस वारदात में शामिल था। इसके बाद कमलेश के साथ-साथ सोहनलाल और भाई राकेश से उसके पिता से अलग-अलग पूछताछ शुरू की।

पुलिस ने इस तरह आरोपी को दबोचा
संदेह बढ़ने के बाद कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों ने इस पूरे मामले का खुलासा किया। दरअसल कमलेश ने अपने साथी पुरबिया के साथ लूटपाट की यह वारदात अंजाम दी थी। इसके बाद लूटा गया सोना अपने राजस्थान स्थित घर में छिपा दिया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से अब तक सात किलो सोना बरामद कर लिया है। कमलेश ने बताया कि उसके पिता की गोरेगांव में गहनों की दुकान है, लेकिन उससे ज्यादा आमदनी नहीं होती। इसलिए उसने ममेरे भाई की दुकान में चोरी का फैसला किया। चोरी के पहले और बाद में सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने दुकान में लगा सीसीटीवी, डीवीआर, एक दूसरे से संपर्क के लिए इस्तेमाल सिमकार्ड नष्ट कर दिया था। लेकिन जांच में जुटी पुलिस सादी वर्दी में कमलेश पर नजर बनाए हुए थी और जैसे ही उसे लगा कि मामला शांत हो गया और उसने एक एक कर लूटे गए गहने बेचने शुरू किए तभी उसे दबोच लिया गया। 

Created On :   1 Dec 2018 12:25 PM GMT

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