88 गांवों में हो रहा तेंदूपत्ता संकलन, सभी को मिल रहा एक जैसा रेट

Tendupta compilation happening in 88 villages, getting equal rates
88 गांवों में हो रहा तेंदूपत्ता संकलन, सभी को मिल रहा एक जैसा रेट
88 गांवों में हो रहा तेंदूपत्ता संकलन, सभी को मिल रहा एक जैसा रेट

डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा(गड़चिरोली) । देर से ही सही जिले के 88 गांवों में तेंदूपत्ता संकलन का कार्य शुरू हो गया है। इन सभी गांवों को रेट भी एक जैसा दिया जा रहा है। इसके पहले  तहसील की 44 ग्रापं में से 31 ग्रापं के 112 ग्रामसभाओं की तेंदूपत्ता नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई। सरकारी दर के हिसाब से दर घोषित करने की प्रक्रिया में संबंधित ठेकेदारों द्वारा हामी भरने पर तहसील के कुल 88 गांवों के मजदूरों के लिए तेंदूपत्ता के प्रति सैकड़ा पैकेट के लिए 250 रुपए दर घोषित की गई है। तहसील के इन गांवों में तेंदूपत्ता संकलन का कार्य शुरू होकर मजदूरों द्वारा बड़े पैमाने पर पत्तों का संकलन करवाया जा रहा है। बता दें कि, उद्योग विहीन गड़चिरोली जिले के मजदूरों को ग्रीष्मकाल में तेंदूपत्ता संकलन के रोजगार से बड़े पैमाने पर आय प्राप्त होती है।  

देरी से आरंभ हुई प्रक्रिया 
हालांकि, इस वर्ष यह प्रक्रिया देरी से आरंभ की गई है, लेकिन वर्तमान में तहसील के 88 गांवों में बड़े पैमाने पर तेंदूपत्ते संकलित किए जा रहे हैं। शुरुआत में संबंधित तेंदू ठेकेदारों ने एकजुट होकर नीलामी प्रक्रिया में अनुपस्थिति दर्शाई थी। जिसकेे चलते मई माह के पहले सप्ताह में भी संकलन प्रक्रिया आरंभ नहीं हो पाई। जिलाधीश शेखर सिंह द्वारा प्रक्रिया को यथाशीघ्र आरंभ करने के लिये प्रयास शुरू किए जाने से संबंधित ठेकेदारों ने सरकारी दर पर  मजदूरों को मजदूरी देने का निर्णय लिया है। अनुमान लगाया जा रहा हैं कि, इस वर्ष तहसील के संबंधित गांवों के मजदूरों को मजदूरी के रूप में 3 करोड़ 48 लाख रुपए की आय प्राप्त होगी। वहीं विभिन्न ग्रामसभाओं को रॉयल्टी के रूप में 88 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। इस वर्ष मजदूरों की मजदूरी बंैक खाते में जमा करने का निर्णय संबंधित ग्रामसभाओं समेत ठेकेदारों ने लिया है। 

इन गांवों में अब तक आरंभ नहीं हुई प्रक्रिया
तहसील के चारभट्टी, अंतरगांव, पुराड़ा, कढोली, दादापुर, रामगढ़, चरविदंड, मालेवाड़ा, आंधली-नवरगांव, गुरनोली, खेड़ेगांव, पलसगढ़, नान्हीं आदि ग्रामसभाओं के तेंदूपत्ता यूनिटों की नीलामी अब तक नहीं हो पायी है। इन गांवों के मजदूर संकलन प्रक्रिया आरंभ होने की बाट जोह रहे हैं।  

इधर वन विभाग की अनदेखी 
पोंभुर्णा वनपरिक्षेत्र में केमारा, बेंबाल, घोसरी, डोंगलहलदी और पोंभुर्णा, ऐसी तेंदूपत्ता संकलन की 5 यूनिट हैं। इस वर्ष उपरोक्त यूनिट में से पोंभुर्णा यूनिट के तेंदूपत्ता संकलन का ई-टेंडर नहीं निकाला गया है। इसका फायदा उठाकर समीपस्थ डोंगलहलदी यूनिट के ठेकेदार द्वारा गत वर्ष से पोंभुर्णा फड़ी का काम देखनेवाले दीवान को प्रलोभन देकर उसके माध्यम से तेंदूपत्ता मजदूरों से साठगांठ कर सप्ताहभर से तेंदूपत्ते की चोरी की जा रही है। हैरत की बात तो यह है कि पोंभुर्णा वन विभाग इस चोरी से अनभिज्ञ है। 

बताया जाता है कि पोंभुर्णा वनपरिक्षेत्र स्थित पोंभुर्णा यूनिट में बड़े पैमाने पर तेंदूत्ता उपलब्ध होने की बात वन विभाग द्वारा कही जाती है, परंतु तकनीकी कारणों से पोंभुर्णा यूनिट का ई-टेंडर नहीं होने से समीपस्थ डोंगरहलदी यूनिट के ठेकेदार नूर ट्रेडर्स इसका फायदा उठा रहा है। यह ठेकेदार पोंभुर्णा फड़ी पर काम देखनेवाले दीवान के माध्यम से तेंदूपत्ता मजूदरों को माल लेने की गारंटी देकर चोरी-छिपे तेंदूपत्ता तुवड़ाकर उसके गट्ठे तैयार करवाता है। फिर पोंभुर्णा शहर के बाहर सुनसान जगह पर तेंदूपत्तों के गट्ठे जमा किए जाते हैं। उसके बाद दीवानजी द्वारा माल तैयार होने की जानकारी मिलते ही ठेकेदार तय स्थल पर ट्रक भेज देता है। 

उस ट्रक में सभी गट्ठे भरकर डोंगरहलदी यूनिट में ले जाए जाते हैं। यह बात नागरिकों के ध्यान में आते ही उन्होंने संबंधित नूर ट्रेडर्स के घनोटी नं.1 स्थित यूनिट ऑफिस में जाकर इस बारे में पूछताछ की। वहां के मैनेजर इरफान शेख ने बताया कि वहां के मजदूर तेंदूपत्ता लेकर आते हैं। इस तरह खुलेआम पोंभुर्णा यूनिट से तेंदूपत्तों की चोरी हो रही है, परंतु इस ओर वन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। नागरिकों ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। 

मामले की होगी जांच  
डोंगलहलदी यूनिट के ठेकेदार द्वारा टेंडर न होते हुए पोंभुर्णा यूनिट से इस तरह चोरी-छिपे तेंदूपत्ता तुड़वा कर लेकर जाना नियमबाह्य है। इसकी जांच कर वन कानून अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। 
श्री.यादव, राउंड ऑफिसर वनपरिक्षेत्र पोंभुर्णा

Created On :   18 May 2018 10:25 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story